क्षमानमूना
क्या मैं क्षमा करूँ?
जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किये, वैसे ही तूम भी करो l कुलुस्सियों 3:13
मैं एक घटना की तैयारी हेतु अपने चर्च में जल्दी पहुँच गयी l अतीत में मेरे प्रति क्रूर और आलोचनात्मक रही एक स्त्री चर्च की वेदी के दूसरी ओर खड़ी रो रही थी l इसलिए मैंने जल्द ही वैक्युम क्लीनर की आवाज़ में उसकी सिसकियों को दबा दिया l मुझे पसंद नहीं करने वाले की चिंता मैं करूँ क्यों?
पवित्र आत्मा ने मुझे परमेश्वर की बड़ी क्षमा स्मरण करायी l मैं उसके पास गयी l उस स्त्री ने बताया कि उसका बच्चा हॉस्पिटल में महीनों से भरती है l हम रोए, गले मिले, और उसकी बेटी के लिये प्रार्थना की l अपने मतभेदों को मिटाकर, अब हम अच्छे मित्र थे l
मत्ती 18 में, यीशु स्वर्गिक राज्य की तुलना एक राजा से करता है जो हिसाब करना चाहता है l एक अत्यधिक कर्ज़दार दास ने दया माँगी l राजा द्वारा क्षमा मिलने पर उसने अपने एक कर्ज़दार व्यक्ति को दोषी ठहराया जो राजा के प्रति उससे कम कर्ज़दार था l राजा ने, क्षमा नहीं करने के कारण दुष्ट दास को कैद कर दिया (पद. 23-34) l
क्षमा करने का चुनाव पाप की अनदेखी नहीं है, गलतियों को बहाना नहीं मानता, अथवा हमारी क्षति को कम नहीं करता l क्षमा केवल परमेश्वर की अनर्जित करुणा का आनंद लेने में मदद करता है, जब हम उसको अपने जीवनों और हमारे संबंधों में शांति अर्थात अनुग्रह के कार्य करने देते हैं l
दूसरों को क्षमा करना परमेश्वर की सिद्धता और भलाई अनुसार उसके न्याय करने के अधिकार में हमारा भरोसा प्रगट करता है
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
सच्ची क्षमा क्या होती है? एक दूसरे को क्षमा करने के विषय में यीशु की योजना को खोजते हुए क्षमा की ओर एक यात्रा आरम्भ करेंl उसकी सहायता से आप ठेस, विश्वासघात और क्रोध से चंगाई का अनुभव करते हुए अपने अंदर दया का हृदय पैदा कर सकते हैंl
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हमारी दैनिक रोटी - भारत का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://hindi-odb.org/subscription/?utm_source=YouVersion&utm_campaign=Hindi_Forgiveness