एक वर्ष 2019 में बाइबलनमूना

एक वर्ष 2019 में बाइबल

दिन 49 का 365

आपका प्रेम पत्र

 धन्यवादपूर्वक, हमारे संबंध बनने के बाद ऐसा बहुत कम हुआ होगा कि मैं अपनी पत्नी पीपा से अलग रहा हूँ. मगर, हमारी शादी होने से पहले, तीस सप्ताह का समय था जब मैं उससे दूर रहा. उन दिनों में, ईमेल या मोबाइल के बिना, हमारी बातचीत का एकमात्र माध्यम पत्र था.

 

 मैंने हर दिन लिखा. उसने हर दिन लिखा. मुझे अब भी गहन जोश और आनंद याद है, जब मैंने लिफाफे पर उसकी लिखावट देखी तो मैं जान गया कि इसके अंदर पीपा का पत्र है.

 

मैं जल्दी से पत्र लेकर एकांत जगह पर इसे पढ़ने के लिए चला जाता था! वास्तव में पत्र इतना कीमती नहीं था, लेकिन यह पत्र उसके द्वारा लिखा गया था जिससे मैं प्रेम करता हूँ, इसलिए यह मेरे लिए कीमती था.

 

बाइबल आपके लिए परमेश्वर की ओर से एक प्रेम पत्र है. 

 

 बाइबल को इतना दिलचस्प इसकी पुस्तकें नहीं बनातीं, बल्कि इसके द्वारा हम उस व्यक्ति से मुलाकात करते हैं जिनसे हम प्रेम करते हैं. पूरी बाइबल यीशु के बारे में है. नया नियम निश्चित ही यीशु के बारे में है. फिर भी, यीशु ने पवित्र शास्त्र के बारे में कहा है: ‘ यह वही है, जो मेरी गवाही देता है’ (यूहन्ना 5:39) (यानि, पुराना नियम) जो पूरी तरह से उनके जीवन में था.  

भजन संहिता 22:22-31

यीशु के विजय का प्रचार करें

 

यह भजन, जो कि आशाहीनता और दु:ख उठाने से शुरू होता है (व.1) यह भविष्यसूचक ढंग से यीशु की मृत्यु का वर्णन करता है, और इसकी समाप्ति विजय के हर्षोल्लास से होती है: ‘यह पूरा हुआ’ (व.31). ‘परमेश्वर ने दु:खी को तुच्छ नहीं जाना और न उससे घृणा की, और न उससे अपना मुख छिपाता है; पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली’ (व.24).

 

 यह विजय पूरी दुनिया के लोगों को प्रभु की ओर फिरने में मदद करेगी (व.27). जाति-जाति के सब कुल के लोग उसके सामने दंडवत करेंगे (व.27ब). इस विजय का प्रचार किया जाएगा: ‘वह आएंगे और उसके धर्म के कामों को एक वंश पर जो उत्पन्न होगा यह कहकर प्रगट करेंगे कि उसने ऐसे ऐसे अद्भुत काम किए [यह पूरा हुआ]’ (व.31, यूहन्ना 19:30).

 

 यीशु का पुनरूत्थान केवल जय ही नहीं लाता, बल्कि यह पारिवारिक घनिष्ठता भी लाता है. भजन संहिता 22:22 में शब्द ‘मेरे लोग’ का अनुवाद घनिष्ठता है, जो कि नजदीकी सहयोगिता को दर्शाता है, और सामान्य रूप से इसे ‘भाई’ या ‘रिश्तेदार’ कहकर बुलाता है. नये नियम में, लेखक इब्रानियों को इसका वर्णन विशेष रूप से यीशु के साथ हमारे संबंध के रूप में करता है (इब्रानियों 2:11-12). यीशु हमें उनके लोग बताते हैं, जैसे कि वह हमारे बीच में हैं और हमें भाई और बहन या उनके परिवार के सदस्य के रूप में देखते हैं.

 

 प्रभु, आपको धन्यवाद कि आपने मदद के लिए मेरी पुकार सुनी (व.24). आज फिर से मैं मदद के लिए आपको पुकारता हूँ.......

मरकुस 3:31-4:29

यीशु के वचनों को अंगीकार कीजिये

 

 यीशु आपको अपने परिवार के करीबी सदस्य के रूप में देखते हैं. वह चाहते हैं कि आपका उनके साथ एकदम घनिष्ठ संबंध हो – एक भाई या बहन या एक माँ के जैसा (3:31-35).

 

 इस लेखांश में हम देखते हैं कि यह संबंध परमेश्वर के वचन के द्वारा बढ़ता है, वचन के सुनने और इसे व्यवहार में लाने के द्वारा: ‘जो कोई परमेश्वर की इच्छा पर चले, वही मेरा भाई, और बहन और माता है’ (व.35).

 

 यीशु अपने खुद के वचन की सामर्थ के बारे में कहते हैं, जो कि परमेश्वर के वचन हैं. उनकी ज्यादातर शिक्षा कहानी (दृष्टांत) के रूप में मिलती है. कहानी का सभी लोग आनंद लेते हैं. एक ‘दृष्टांत’ का अर्थ कहानी के अंदर छिपा होता है. काल्पनिक प्रचार के दौरान लोग सो जाते हैं, लेकिन अच्छी कहानी के लिए जगे रहते हैं. कहानी में इतनी ताकत होती है कि यह हमारी मोरचाबंदी करने से पहले हमें जिता दे.  

 

 बीज बोने वाले का दृष्टांत जीवन बदल देने वाली वचन की सामर्थ को दर्शाता है. यदि आप ‘वचन को सुनें तो इसे तुरंत ग्रहण कर लें’ (4:20, एमएसजी), तब आप अच्छी भूमि में बोए गए बीज के समान होंगे, जो वचन को सुनता है और इसे ग्रहण करता है और फसल उगती है – कुछ तीस गुना, कुछ साठ गुना, कुछ सौ गुना’ (व. 20). आप अपनी कल्पना से भी ज्यादा फसल लाएंगे’ (व.20, एमएसजी). 

 

 हम अल्फा पर बारबार यीशु के वचन की असाधारण सामर्थ को देखते हैं जो जीवनों को पूरी तरह से बदल देता है और उन्हें फलदायी बनाता है. केवल उन लोगों का ही जीवन प्रभावित नहीं होता जो इसे सुनते हैं, बल्कि दूसरों का जीवन भी प्रभावित होता है जो यीशु का वचन सुनने के लिए अपने दोस्तों को लाते हैं.  

 

 यदि यीशु के वचन में कोई प्रभाव नहीं होता, तो इसमें गलती सुनने वाले की है. एक समय में, मेरी जिंदगी इतनी उलझी हुई थी कि उनके वचन जड़ नहीं पकड़ पाते थे (वव.4-6). दूसरी तरफ, मेरे जीवन में परेशानियाँ या विरोध (‘संकट या सताव’, व.17) मुझे यीशु के साथ घनिष्ठ संबंध से दूर ले जाते थे. और कभी-कभी ऐसा भी होता था कि ‘संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और वस्तुओं का लोभ उन में समाकर वचन को दबा देता था। और वह निष्फल रह जाता था’ (व.19).

 

 यीशु वचन सुनने के महत्व पर बारबार जोर देते हैं: ‘चौकस रहो, कि क्या सुनते हो? जिस नाप से तुम नापते हो उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा, और तुम को अधिक दिया जाएगा’ (व.24).

 

 आप परमेश्वर के वचन का अध्ययन करने और इसे लागू करने में जितना समय देंगे, उतना ही ज्यादा लाभदायक अनुभव आप पाएंगे. इसे ज्यादा प्राथमिकता दीजिये. यीशु के वचन को ग्रहण करने में समय दीजिये और आपको पछताना नहीं पड़ेगा.

 

 बीजे बोने का दृष्टांत यह दर्शाता है कि जब आपके जीवन में यीशु का वचन बो दिया जाता है, तो आप फल लाने की उम्मीद कर सकते हैं. आप बाद में फसल काटेंगे. लेकिन आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि यदि आप बीज बोते रहेंगे, तो आप ज्यादा फसल काटेंगे, बल्कि आपने जितना बोया है उससे भी ज्यादा. बड़ी फसल आएगी (व.29).

 

 प्रभु, मेरी मदद कीजिये कि मैं आपके वचन को केवल सुनूँ ही नहीं बल्कि दूसरों को भी बताऊँ और मेरे जीवन में और दूसरों के जीवन में परमेश्वर के वचन की जीवन बदल देने वाली आसाधारण सामर्थ को देखूँ.

निर्गमन 23:1-24:18

यीशु की वाचा के सेवक बनिये

 

 परमेश्वर का उनके लोगों के साथ संबंध सिनाई पर्वत पर वाचा के द्वारा निर्धारित किया गया था (परमेश्वर और लोगों के बीच हुई सहमति के द्वारा). वाचा के संबंध में, परमेश्वर ने खुद को अपने लोगों को सौंप दिया था और उन लोगों को परमेश्वर को समर्पित करने के द्वारा प्रतिक्रिया करने के लिए कहा था. प्रभु ने उन्हें ऐसा जीवन बिताने के लिए कहा जो वाचा के इस संबंध में उनसे करीब हो. 

 

 खासकर हम देखते हैं कि न्याय और गरीबी के मामले परमेश्वर की सूची में कितने ऊपर थे (23:1-12). आजकल दुनिया में कितना अन्याय हो रहा है. दुनिया के कई हिस्से में गरीबों को न्याय मिलना लगभग असंभव हो गया है. छोटे या किसी प्रतिकार के बिना लोगों को अक्सर जेलखाने में डाल दिया जाता है. कुछ कानूनी व्यवस्था घूस लेकर दबा दी जाती हैं. यदि वे सिर्फ इन वचनों पर दृढ़ रहते कि: ‘ तेरे लोगों में से जो दरिद्र हों उसके मुकद्दमे में न्याय न बिगाड़ना..... घूस न ले’ (वव. 6,8).

 

  लोगों और संस्कृति के विरूद्ध करना सच में कठिन है. लेकिन यह कहकर बचा नहीं जा सकता, ‘हमारी यही संस्कृति है – हर कोई ऐसा ही करता है – इसलिए कोई विकल्प ही नहीं बचा.’ परमेश्वर कहते हैं, ‘बुराई करने के लिये न तो बहुतों के पीछे हो लेना; और न उनके पीछे फिर के मुकदमें में न्याय बिगाड़ने के लिए साक्षी देना’ (व.2).

 

 पुराने समय में दावत करने के द्वारा वाचाओं को बारबार दृढ़ या स्थिर किया जाता था (‘तब उन्होंने खाया पिया’ 24:11). वाचा पर लहू बहाकर मुहर लगाई जाती थी. तब मूसा ने लोहू को ले कर लोगों पर छिड़क दिया, और उन से कहा, ‘देखो, यह उस वाचा का लोहू है’ (व.8). पुराने नियम में परमेश्वर ने खुद को लोगों के सुपुर्द किया था और उनसे आशा की थी कि वे उनके नियम का पालन करेंगे जो कि पटियाओं पर लिखी गई थीं (व.12).

 

 भविष्यवक्ताओं ने पहले ही बता दिया था कि एक दिन नई वाचा पटियाओं पर नहीं बल्कि हमारे हृदय पर लिखी जाएंगी (उदाहरण के लिए, यिर्मयाह 31:31-34). यीशु अपने शिष्यों को समझाते हैं कि यह वाचा उनके लहू के द्वारा कैसे संभव बनाई जाएगी (मरकुस 14:24). आप जब भी पवित्र भोज में भाग लेते हैं और वचनों को सुनते हैं, तब आप इस नई वाचा का उत्सव मनाते हैं: ‘यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है’ (लूका 22:20, 1 कुरिंथिंयों 11:25).

 

 इब्रानियों की पुस्तक काफी विस्तार में वर्णन करती है कि यीशु किस तरह से ‘नई वाचा के मध्यस्थी हैं’ (इब्रानियों 9:15). इस वाचा के अंतर्गत आपके सभी पाप क्षमा हो जाते हैं (व.15) और आपका संबंध अनंतकाल तक यीशु के साथ हो जाता है (13:20).  

 

 यीशु के द्वारा आप नई वाचा के सेवक हैं (2कुरिंथियों 3:6). पुराना नियम ‘महिमा के साथ आया’ (व.7). और परमेश्वर का तेज सिनै पर्वत पर आकर ठहर गया... इस्रालियों को यह तेज प्रचंड आग सा देख पड़ता था. संत पौलुस लिखते हैं, ‘तो आत्मा की वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? ..... परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं’ (2कुरिंथियों 3:8,18).  

 

 प्रभु आपको धन्यवाद कि, जब मैं पवित्र शास्त्र पढ़ता हूँ तो मेरी मुलाकात यीशु से होती है. प्रभु, मेरी हर दिन मदद कीजिये, जब मैं आपके शब्दों को सुनूँ और आपसे मिलूँ, तो मैं अपने प्यार के संबंध में बढ़ने और आपके तेज को प्रगट करने के लिए आपके तेजस्वी रूप में सदा बढ़ने वाली महिमा में बदलता जाऊँ

Pippa Adds

पीपा विज्ञापन

 

 मरकुस 3:31-35

पहली नजर में मुझ्र यह लेखांश कठिन. ऐसा लगा जैसे यीशु अपने असली परिवार को त्याग रहे हैं.  लेकिन वास्तव में वह कह रहे थे कि जो कोई भी उन पर विश्वास करता है वह उनका परिवार है.  उनकी माँ और परिवारवालों ने उनपर विश्वास किया था और अंत तक उनका अनुसरण किया था.

References

नोट्स:

 

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है। 

       

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

 

 जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001

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एक वर्ष 2019 में बाइबल

दुनिया भर में 20 लाख से अधिक अनुमानित प्रयोक्ताओं के साथ, Bible in One Year, एक प्रमुख दैनिक बाइबल पठन की योजना है। प्रत्येक दिन आपको, एक प्साल्म या नीतिवचन पाठ, एक न्यूटेस्टामेंट पाठ और एक ओल्ड टेस्टामेंट पाठ प्राप्त होगा। फिर निकी और पिप्पा गंबेल, अंतर्दृष्टिपूर्ण कमेंटरी प्रदान करते हैं, जो कि बाइबल के साथ-साथ पाठों के बारे में ताज़ा समझ प्रदान करने के लिएपढ़े या सुने जाने के लिए है। निकी लंदन में HTB चर्च के पादरी और Alpha के अग्रदूत हैं।

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