स्वतंत्रता सेनानी - एक कारण के लिए पुनर्जीवितनमूना
आज़ादी सभी के लिए है
आज़ादी -- सभी को आज़ादी का जूनून है। आप इसे गानों में सुनते हैं, आप इसे फिल्मों में देखते हैं, और बाज़ार वाले आपसे अपनी चीज़ें खरीदवाने के लिए आपको आज़ादी का विचार बेचते हैं। पर क्या सच में आप जानते हैं की आज़ादी है क्या?
जब यीशु कहता है, "तुम सत्य को जानोगे और सत्य तुम्हे स्वतंत्र करेगा," यूहन्ना 8:32 में; तो यह आपके दिल में क्या करता है? क्या आप इसमें विश्वास करते हैं? क्या आप इस आज़ादी में जीते हैं? आपको इस बात को ठीक से समझने उस संस्कृति, समय और जगह को समझना होगा जिसमे यीशु रहता था जब उसने यह कहा।
उस समय, यहूदी धर्म में 600 से अधिक नियम और विधियाँ थी जिनका उन्हें पालन करना होता था। इनको तोड़े जाने के नतीजे भी थे। यहूदी लोग जानते थे की अगर एक नियम तोड़ा गया, तो उसके लिए सज़ा मिलेगी, और एक जानवर की बली ज़रूरी होती थी। एक यहूदी होते हुए, यीशु इन नियमों के अधीन रहा और अपने जीवन में इन सभी 600 नियमों का पालन किया, इनमे से एक भी नहीं तोडा! इसकी वजह से वही एक इन्सांन था जिसे सज़ा भुगतने या बली देने की ज़रूरत नहीं थी, फिर भी उसने सबसे बड़ा बलिदान दिया और सबसे बड़ी सज़ा ली, वो है मृत्यु.
जब यीशु मत्ती 5:17 में कहता है, “ये मत सोचो की मैं नियमों और भविष्यद्वक्ताओं की बातों को रद्द करने आया हूँ; मैं उन्हें रद्द करने नहीं बल्कि उन्हें पूरा करने आया हूँ,” वह कह रहा है: ‘मैं नियमों को पूरा और सम्पूर्ण करूँगा वह बलिदान बनते हुए जो बाकी सारे बलिदानों को ख़त्म कर देगा।’ वह बलिदान का मेमना बना। वाह! उस समय ये एक ज़बरदस्त काम और बात थी, और आज भी ऐसा ही है।
इससे भी बड़ी बात यह है की ये आज़ादी कुछ लोगों के लिए ही नहीं है, यह पूरी मानवता के लिए है। ये आपके लिए, आपके पडोसी के लिए और आपके दुश्मन के लिए है। यह उन सबके लिए है जो इसे स्वीकार करने का फैसला करते हैं
आपकी आज़ादी का इस बात से कोई लेना देना नहीं की उसे हासिल करने के लिए आपने कितनी मेहनत की है, लेकिन इसका वास्ता उस सब से है जो यीशु ने आपकी जगह लेकर किया। उसने आपके लिए अनंतकाल की आज़ादी खरीदी, और उसके लिए उसे अपने जान की कीमत देनी पड़ी। सही मायनों में आज़ादी पाने का मतलब
सिर्फ यह जानना नहीं की यीशु ने आपको आज़ाद किया, पर वह यीशु को जानना भी है। आप आज़ाद, बहाल और जिन्दा हुए हैं। आपकी जिंदगी में यीशु के कारण अर्थ और मकसद है
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
जो की हम स्वतंत्र किए गए हैं, हम जानते हैं की सुसमाचार एक स्वतंत्रता का सन्देश है। हम खोए हुए थे, लेकिन अब हम पा लिए गए हैं। हमारी आज़ादी का मकसद है की हम दूसरों को भी आज़ादी दिलाएँगे और परमेश्वर का मिशन भी दुनिया की आज़ादी है। हमारे साथ यह पांच दिन के सफ़र पर चलें और सीखें कैसे खुद को एक सजीव स्वतंत्रता सेनानी बनाये रखे।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हां में धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.yesheis.com/