स्वतंत्रता सेनानी - एक कारण के लिए पुनर्जीवितनमूना
क्या आपके दोस्त आपके आज़ादी को देखते हैं?
हमारी पीढ़ी की सांस्कृतिक बातचीत अपने चुनाव की आज़ाद को लेकर होती है। चाहे फिर वह विरोध प्रदर्शन, सोशल मीडिया या नेटफ्लिक्स की कार्यक्रमों के ज़रिए हो, लोग मुद्दों पर अपनी मान्यताओं को दिखाते हैं, पुरानी मान्यताओं को ठुकराते हुए। एक मसीही होते हुए, यह जानना मुश्किल हो सकता है की इन सांस्कृतिक बातचीत में कब और कैसे हिस्सा लिया जाए। जबकि कुछ सामाजिक आंदोलनों का साथ देना सही होगा, कई और उतने साफ़ नहीं होते, और जो ज्यादर मसीहीयों को गड़बड़ाहट और ख़ामोशी में छोड़ देते हैं।
लोगों की ‘चुनने की आज़ादी’ को लेकर बहस का आधार उनकी भावनाएं और पहचान है, इसीलिए इसका जवाब ध्यान से देना होगा। जब आप संबंधों को बिगाड़ने वाली लड़ाकू बहस से दूर रहते है और इस तरह जीते और प्यार करते है जो यीशु में मिली आपको आज़ादी को दिखाता है, तो आपके जीवन में सच्ची आज़ादी को खोज रहे लोग उत्सुक हो जाते हैं। इससे आपकी आशा और शांति के पीछे के असल व्यक्ति के बारे में बताने के अच्छे मौके मिलते हैं।
यीशु में आप आज़ाद हैं। आप अब पाप, डर और दुनिया के गुलाम नहीं हैं। उसमे आपकी पहचान अटल है। आपके पास शांति हैं, आपके पास आनंद हैं, आपके पास उम्मीद हैं। अगर ये ‘आज़ादी’ नहीं तो और क्या है?! बाहर से, धर्म एक नियमों से बंधी जीवनशैली दिखाई दे सकता है। लेकिन यीशु से संबंध कायम करने के बाद ही आप समझते हैं की सच में ऐसा नहीं है। यीशु वह आज़ादी है जिसे हमारीपीढ़ी खोज रही है।
आपको एक मकसद के लिए जागृत किया गया है! आपको इस तरह जीने के लिए जागृत किया गया है जिसे देखकर दूसरे भी इस आज़ादी को चाहें जो आपको यीशु में मिली है। आज आपके लिए चुनौती यह है की; आप इस सत्य को कैसे जी रहे हैं? क्या आपके दोस्त आपके जीवन में इस आज़ादी को देखते हैं? क्या वे इस आज़ादी का कारण जानना चाहते हैं? अगर नहीं, तो आपको क्या बदलने की ज़रूरत हैं?
पवित्र आत्मा से मांगे की वह आपको आपके उद्धार के सच्चे आनंद की याद दिलाए, क्योंकि अगर आप अपने दिल में मानते है की आप आज़ाद हैं, तो आप आज़ादी में जी भी सकते हैं। आपकी आज़ादी से ही यीशु उनके जीवन में रौशनी और प्यार लाएगा जो अभी भी ढूंढ रहे हैं।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
जो की हम स्वतंत्र किए गए हैं, हम जानते हैं की सुसमाचार एक स्वतंत्रता का सन्देश है। हम खोए हुए थे, लेकिन अब हम पा लिए गए हैं। हमारी आज़ादी का मकसद है की हम दूसरों को भी आज़ादी दिलाएँगे और परमेश्वर का मिशन भी दुनिया की आज़ादी है। हमारे साथ यह पांच दिन के सफ़र पर चलें और सीखें कैसे खुद को एक सजीव स्वतंत्रता सेनानी बनाये रखे।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हां में धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.yesheis.com/