टेस्टिंग, टेस्टिंग, टेस्टिंग: एक सुरक्षा जांचनमूना
सुरक्षा में सफलता मिले - एक बुनियादी मानव आवश्यकता।आप और मैं अब तक शारीरिक रूप से जीवित हैं,नहीं तो हम संवाद नहीं कर रहे होते। लेकिन शारीरिक तौर पर निर्वाह करना सुरक्षा का आश्वाश्न नहीं देता है। हमारी दुनिया इस समय राजनीति और महामारियों से विभाजित औरध्रुवीकृत हो रहीहै।ग्लोबल ट्रेंड्स आने वाले 2040 के लिए एक गड़बड़ी,अस्थिर और दिशाहीन दुनिया की भविष्यवाणी करता है। हमारी चिंता का स्तर बढ़ गया है,जिससे हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि स्थिर प्रतीत होने वाली हमारी दुनिया इतनी जल्दी और आसानी से पलट जाएगी।
दीर्घायु निश्चिंत नहीं है।
वर्तमान स्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि राजनीति और अर्थशास्त्र निर्वाह करने के लिए कुछ मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं,लेकिन वे हमारी अंतिम सुरक्षा के रूप में काम नहीं कर सकते।वे हमें विकल्प दे सकते हैं,लेकिन जीवन की ओर दिशा नहीं दे सकते।वे हमें कुछ स्वतंत्रता दे सकते हैं,लेकिन इस जीवन या अगले जीवन की आशा नहीं दे सकते।जब हम इस विपत्ति के कगार पर खड़े हैं,तो राजनीति,अर्थशास्त्र या धर्म को अपनी सुरक्षा के स्रोत के रूप में लेना आत्महत्या करने जैसा कदम होगा।शायद हमे पिछे मुड़ना चाहिये और सब कुछ धीरे करते हुए रुक जाना चाहिए। जैसे कि कुछ मायनों मे हम पहले ही ऐसा कर चुके हैं । कल हम उन तरीकों पर विचार करेंगे जिनमें ऐतिहासिकत्रिएक मसीही विश्वास,विश्वासियों के लिए वास्तविक सुरक्षा की प्रतिज्ञा करता है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
तीन-भागों की श्रृंखला के अंतिम भाग में, डॉ रमेश रिचर्ड, जो RREACH (वैश्विक स्तर पर सुसमाचार सुनाने वाली सेवकाई) के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं,अंतिम "जांच" की चर्चा करते हैं, कि विपत्ति और व्यवधान एक विश्वासी को - एक "सुरक्षा जांच” प्रदान करते हैं । अंततः त्रिएक मसीही विश्वास की छाया और सशक्तिकरण के तहत हमें अपना जीवन जीने की स्वतंत्रता है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए रमेश रिचर्ड इवेंजेलिज़्म और चर्च हेल्थ को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://rreach.org/