परमेश्वर प्रगट हुए- नये नियम की एक यात्रानमूना
2 थिस्सलुनीकियों -आश्वस्तआशा
अन्त समय के क्या चिन्ह हैं?अन्त समय में कौन कौन सी घटनाएं घटेंगी?देखने में तो ऐसा प्रतीत होता है कि दुष्ट संसार में सारी भलाईयों का गला दबा रहा है,लेकिन वास्तव में पीछे से क्या हो रहा है?मसीह के राजसी आगमन और सर्वाधिक शक्तिशाली बुरी ताकतों पर उसकी विजय का वर्णन इस पत्र में किया गया हैं।
अन्त समय के चिन्ह- मसीही विरोधी
शताब्दियों में मसीहीयों के विरूद्ध बहुत सी शक्तियां कार्यरत रही है,निर्मोद,एंटओकस,नीरो और हिटलर जैसे कई लोगों ने मसीही विरोधी के रूप में कार्य किया हैं। उनकी शक्ति भले ही अपार हो लेकिन सदैव अल्पकालिक होती हैं।
जबकि सारी बुराई के पीछे कार्य करने वाली शक्ति आज भी कार्य कर रही है,लेकिन जो उनमें सर्वाधिक शक्तिशाली है अर्थात वह मसीह विरोधी (2थिस्सलुनीकियों2:3-10):
§ जो कुछ प्रभु का है या उसकी आराधना करता है,वह उसका विरोध करता है और खुद को उससे बेहतर दिखाने का प्रयास करता है।
§ खुद को परमेश्वर के मन्दिर में स्थापित करता है
§ परमेश्वर होने का दावा करता है
§ शैतान की तरह ही काम करता है
§ झूठ का साबित करने के लिए चिन्ह और चमत्कार दिखाता है
§ दुष्टता के सारे छल का इस्तेमाल करता है।
घोरउत्पीड़नके बीच में भी,मसीह बादलों पर सवार होकर आएगा और अपने लोगों को इकट्ठा करेगा। वह अपनी श्वासं के झोकें से मसीही विरोधी के कामों का नाश करेगा। (2थिस्सलुनीकियों2:8)।
दुष्टों को धोखा मिलता है
शैतान धोखा देता है- यह कोई खबर नहीं है। सबसे बुरा भ्रम जो फैलाया जाता है कि ऐसा करने वाले परमेश्वर हैं। यदि लोग सच्चाई को स्वीकार नहीं करते,तो वह उन्हें मारता हैं – घातक झटका (2थिस्सलुनीकियों2:10,11)।
§ शैतान चर्च के बाहर और भीतर काम करता है। उसकी बुराई को हम निम्नलिखित माध्यमों से देखेंगे:अहंकारीअगुवा विभाजन
§ निरर्थक बातें
§ धोखा
§ दुष्टता
अधिक अनुग्रह,अधिक महिमा
दूसरी ओर देखें तो,विश्वास के द्वारा परमेश्वर की सच्चाई का पालन करने का परिणाम उसके द्वारा चुना जाना,फलवन्त होने के लिएसत्र सशक्त होना तथा मसीह को महिमा देने के लिए अनुग्रह पाना होता है। (2थिस्सलुनीकियों15:11,12)
हमारी महिमा केवल“उसकी कृपा के अनुसार है”2थिस्सलुनीकियों2:12। इस अर्थ है कि अलग अलग लोगों को अलग अलग अनुग्रह प्रदान किया जाता है।
हम अधिक महिमा पाने के लिए अघिक कृपा या अनुग्रह कैसे प्राप्त कर सकते हैं? 2थिस्सलुनीकियों3:13।
हमें आवश्यकता हैः
§ दृढ़ता से खड़े होने की
§ शिक्षाओं को मज़बूती से पकड़ने की
§ भले कामों करने से कभी न थकने की
हस्तक्षेप करने वाले लोगहस्तक्षेप करने वाले लोग(2 थिस्सलुनीकियों 3:11) हमें घेरे रह सकते हैं। लेकिन हमारी बुलाहट परमेश्वर के राजदूतों के रूप में लगातार लोगों तक पहुंचने की है।
पौलुस निम्न बातों में अपने आत्मविश्वास को प्रगट करता हैः
§ अनन्त भविष्य में (2थिस्सलुनीकियों2)
§ वर्तमान और नियमित आज्ञाकारिता (2थिस्सलुनीकियों3:4)।
क्या हम कलीसिया के भीतर शैतान की दुष्टात्माओं और परमेश्वर के राजदूतों में अन्तर महसूस करने लिए पर्याप्त मात्रा में परखने का काम कर रहे हैं?क्या हम गहरी निराशा के बीच यह जानते हुए आगे बढ़ते हैं कि हम जीतने वाले पक्ष में हैं?हम परमेश्वर के अनुग्रह का अधिक लाभ कैसे उठा सकते हैं?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
क्या हमारा जीवन मसीह से मुलाकात करने के बाद लगातार बदल रहा है? हम जीवन के परे सम्पत्ति को कैसे बना सकते हैं? हम कैसे आनन्द, सन्तुष्टि और शान्ति को हर परिस्थिति में बना कर रख सकते हैं? इन सारी बातों को वरन कई अन्य बातों को पौलुस की पत्री में सम्बोधित किया गया है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Bella Pillai को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.bibletransforms.com/