1
यूहन्ना 3:16
किताब-ए मुक़द्दस
क्योंकि अल्लाह ने दुनिया से इतनी मुहब्बत रखी कि उसने अपने इकलौते फ़रज़ंद को बख़्श दिया, ताकि जो भी उस पर ईमान लाए हलाक न हो बल्कि अबदी ज़िंदगी पाए।
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Ṣàwárí यूहन्ना 3:16
2
यूहन्ना 3:17
क्योंकि अल्लाह ने अपने फ़रज़ंद को इसलिए दुनिया में नहीं भेजा कि वह दुनिया को मुजरिम ठहराए बल्कि इसलिए कि वह उसे नजात दे।
Ṣàwárí यूहन्ना 3:17
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यूहन्ना 3:3
ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुझे सच बताता हूँ, सिर्फ़ वह शख़्स अल्लाह की बादशाही को देख सकता है जो नए सिरे से पैदा हुआ हो।”
Ṣàwárí यूहन्ना 3:3
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यूहन्ना 3:18
जो भी उस पर ईमान लाया है उसे मुजरिम नहीं क़रार दिया जाएगा, लेकिन जो ईमान नहीं रखता उसे मुजरिम ठहराया जा चुका है। वजह यह है कि वह अल्लाह के इकलौते फ़रज़ंद के नाम पर ईमान नहीं लाया।
Ṣàwárí यूहन्ना 3:18
5
यूहन्ना 3:19
और लोगों को मुजरिम ठहराने का सबब यह है कि गो अल्लाह का नूर इस दुनिया में आया, लेकिन लोगों ने नूर की निसबत अंधेरे को ज़्यादा प्यार किया, क्योंकि उनके काम बुरे थे।
Ṣàwárí यूहन्ना 3:19
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यूहन्ना 3:30
लाज़िम है कि वह बढ़ता जाए जबकि मैं घटता जाऊँ।
Ṣàwárí यूहन्ना 3:30
7
यूहन्ना 3:20
जो भी ग़लत काम करता है वह नूर से दुश्मनी रखता है और उसके क़रीब नहीं आता ताकि उसके बुरे कामों का पोल न खुल जाए।
Ṣàwárí यूहन्ना 3:20
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यूहन्ना 3:36
चुनाँचे जो अल्लाह के फ़रज़ंद पर ईमान लाता है अबदी ज़िंदगी उस की है। लेकिन जो फ़रज़ंद को रद्द करे वह इस ज़िंदगी को नहीं देखेगा बल्कि अल्लाह का ग़ज़ब उस पर ठहरा रहेगा।”
Ṣàwárí यूहन्ना 3:36
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यूहन्ना 3:14
और जिस तरह मूसा ने रेगिस्तान में साँप को लकड़ी पर लटकाकर ऊँचा कर दिया उसी तरह ज़रूर है कि इब्ने-आदम को भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए
Ṣàwárí यूहन्ना 3:14
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यूहन्ना 3:35
बाप अपने फ़रज़ंद को प्यार करता है, और उसने सब कुछ उसके सुपुर्द कर दिया है।
Ṣàwárí यूहन्ना 3:35
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