1
लूक़ा 13:24
किताब-ए मुक़द्दस
DGV
“तंग दरवाज़े में से दाख़िल होने की सिर-तोड़ कोशिश करो। क्योंकि मैं तुमको बताता हूँ कि बहुत-से लोग अंदर जाने की कोशिश करेंगे, लेकिन बेफ़ायदा।
Ṣe Àfiwé
Ṣàwárí लूक़ा 13:24
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लूक़ा 13:11-12
वहाँ एक औरत थी जो 18 साल से बदरूह के बाइस बीमार थी। वह कुबड़ी हो गई थी और सीधी खड़ी होने के बिलकुल क़ाबिल न थी। जब ईसा ने उसे देखा तो पुकारकर कहा, “ऐ औरत, तू अपनी बीमारी से छूट गई है!”
Ṣàwárí लूक़ा 13:11-12
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लूक़ा 13:13
उसने अपने हाथ उस पर रखे तो वह फ़ौरन सीधी खड़ी होकर अल्लाह की तमजीद करने लगी।
Ṣàwárí लूक़ा 13:13
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लूक़ा 13:30
उस वक़्त कुछ ऐसे होंगे जो पहले आख़िर थे, लेकिन अब अव्वल होंगे। और कुछ ऐसे भी होंगे जो पहले अव्वल थे, लेकिन अब आख़िर होंगे।”
Ṣàwárí लूक़ा 13:30
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लूक़ा 13:25
एक वक़्त आएगा कि घर का मालिक उठकर दरवाज़ा बंद कर देगा। फिर तुम बाहर खड़े रहोगे और खटखटाते खटखटाते इलतमास करोगे, ‘ख़ुदावंद, हमारे लिए दरवाज़ा खोल दें।’ लेकिन वह जवाब देगा, ‘न मैं तुमको जानता हूँ, न यह कि तुम कहाँ के हो।’
Ṣàwárí लूक़ा 13:25
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लूक़ा 13:5
हरगिज़ नहीं! मैं तुमको बताता हूँ कि अगर तुम तौबा न करो तो तुम भी तबाह हो जाओगे।”
Ṣàwárí लूक़ा 13:5
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लूक़ा 13:27
लेकिन वह जवाब देगा, ‘न मैं तुमको जानता हूँ, न यह कि तुम कहाँ के हो। ऐ तमाम बदकारो, मुझसे दूर हो जाओ!’
Ṣàwárí लूक़ा 13:27
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लूक़ा 13:18-19
ईसा ने कहा, “अल्लाह की बादशाही किस चीज़ की मानिंद है? मैं इसका मुवाज़ना किससे करूँ? वह राई के एक दाने की मानिंद है जो किसी ने अपने बाग़ में बो दिया। बढ़ते बढ़ते वह दरख़्त-सा बन गया और परिंदों ने उस की शाख़ों में अपने घोंसले बना लिए।”
Ṣàwárí लूक़ा 13:18-19
Ilé
Bíbélì
Àwon ètò
Àwon Fídíò