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लूक़ा 14:26
किताब-ए मुक़द्दस
DGV
“अगर कोई मेरे पास आकर अपने बाप, माँ, बीवी, बच्चों, भाइयों, बहनों बल्कि अपने आपसे भी दुश्मनी न रखे तो वह मेरा शागिर्द नहीं हो सकता।
Ṣe Àfiwé
Ṣàwárí लूक़ा 14:26
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लूक़ा 14:27
और जो अपनी सलीब उठाकर मेरे पीछे न हो ले वह मेरा शागिर्द नहीं हो सकता।
Ṣàwárí लूक़ा 14:27
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लूक़ा 14:11
क्योंकि जो भी अपने आपको सरफ़राज़ करे उसे पस्त किया जाएगा और जो अपने आपको पस्त करे उसे सरफ़राज़ किया जाएगा।”
Ṣàwárí लूक़ा 14:11
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लूक़ा 14:33
इसी तरह तुममें से जो भी अपना सब कुछ न छोड़े वह मेरा शागिर्द नहीं हो सकता।
Ṣàwárí लूक़ा 14:33
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लूक़ा 14:28-30
अगर तुममें से कोई बुर्ज तामीर करना चाहे तो क्या वह पहले बैठकर पूरे अख़राजात का अंदाज़ा नहीं लगाएगा ताकि मालूम हो जाए कि वह उसे तकमील तक पहुँचा सकेगा या नहीं? वरना ख़तरा है कि उस की बुनियाद डालने के बाद पैसे ख़त्म हो जाएँ और वह आगे कुछ न बना सके। फिर जो कोई भी देखेगा वह उसका मज़ाक़ उड़ाकर कहेगा, ‘उसने इमारत को शुरू तो किया, लेकिन अब उसे मुकम्मल नहीं कर पाया।’
Ṣàwárí लूक़ा 14:28-30
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लूक़ा 14:13-14
इसके बजाए ज़ियाफ़त करते वक़्त ग़रीबों, लँगड़ों, मफ़लूजों और अंधों को दावत दे। ऐसा करने से तुझे बरकत मिलेगी। क्योंकि वह तुझे इसके एवज़ कुछ नहीं दे सकेंगे, बल्कि तुझे इसका मुआवज़ा उस वक़्त मिलेगा जब रास्तबाज़ जी उठेंगे।”
Ṣàwárí लूक़ा 14:13-14
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लूक़ा 14:34-35
नमक अच्छी चीज़ है। लेकिन अगर उसका ज़ायक़ा जाता रहे तो फिर उसे क्योंकर दुबारा नमकीन किया जा सकता है? न वह ज़मीन के लिए मुफ़ीद है, न खाद के लिए बल्कि उसे निकालकर बाहर फेंका जाएगा। जो सुन सकता है वह सुन ले।”
Ṣàwárí लूक़ा 14:34-35
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Bíbélì
Àwon ètò
Àwon Fídíò