एक वर्ष 2019 में बाइबलनमूना

एक वर्ष 2019 में बाइबल

दिन 40 का 365

पाँच बहाने

 यह एक गाना है जिसे ब्रिटिश में दाहसंस्कार के समय अक्सर बजाया जाता है. यह इतिहास का सबसे ज्यादा पुनर्निर्मित गाना है. इसने 1969 में फ्रॅन्क सिनाट्रा के एलबम माई वे में प्रसिद्धि पाई थी. फिलिपी में कराओके बार्स में ‘माई वे’ इतना लोकप्रिय है कि इसे सबसे ज्यादा मृत्यु के लिए जिम्मेदार ठहराया गया जहाँ प्रदर्शन पर हुई बहस हिंसा में बदल गई थी!  

 

‘एंड इट इज माई वे! (‘और यह मेरा तरीका है!)

 

यस, इट वाज माई वे!’ (हाँ, यह मेरा तरीका था!’)

 

  ‘मैंने अपने तरीके से किया’ यह दुनिया का तरीका है. यह यीशु का तरीका नहीं है. यीशु ने कहा था, ‘फिर मेरी नहीं, किंतु तेरी इच्छा पूरी हो जाए’ (मत्ती 26:39). दूसरी तरफ मूसा, जैसा कि हम आज देखेंगे, अंत में परमेश्वर का तरीका अपनाने से पहले पाँच बहाने बनाए थे.  

नीतिवचन 4:10-19

‘बुद्धि का मार्ग ’   

 

 आत्मिक तरीका एक यात्रा के समान है. आप एक समय में एक कदम आगे बढ़ाते हैं. यह इतना मायने नहीं रखता कि आपने कितना पाया – बल्कि यह कि आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और आप आगे बढ़ते जा रहे हैं.

 

 नीतिवचन की पुस्तक हमसे कहती है कि यहाँ दो तरीके/रास्ते हैं: ‘दुष्टों की बाट....... बुरे लोगों के मार्ग’ (व.14) और ‘बुद्धि का मार्ग ’....... ‘धर्मियों का मार्ग’ (व.18). हमें बुरे लोगों से बचने के लिए नहीं कहा गया है (यानि दुनिया से अलग होना). बजाय इसके, हमें उनका मार्ग अपनाने से मना किया गया है – जो लोग कर रहे हैं उसे करने से मना किया गया है. यदि आप परमेश्वर का मार्गदर्शन अपनाएं तो उनका वायदा है कि वह आपको ‘बुद्धि के मार्ग पर’ ले चलेंगे (व.11, एमएसजी).

 

 परमेश्वर का मार्ग आसान नहीं है, लेकिन उनका मार्ग अपनाने में बहुत आनंद और रोमांच है: ‘धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक से अधिक बढ़ता रहता है’ (व.18).  ‘जितना ज्यादा वे जीते हैं, उतना ही वे चमकते हैं’ (व.18, एमएसजी).

 

  एलिजाबेथ कबलर रॉस, मरणासन्न रोगियों की देखभाल आंदोलन की संस्थापक, ने कहा है, ‘लोग रंगीन-काँच वाली खिड़की के समान हैं. सूरज बाहर निकलता है तब वे चमकते और जगमगाते हैं, लेकिन जब अंधियारा फैलता है, तो उनकी असली सुंदरता तब प्रकट होती है जब उनके अंदर प्रकाश होता है.’

प्रभु, आपको धन्यवाद क्योंकि आपका वायदा है कि आप मुझे सही मार्ग पर ले जाएंगे. मुझे बुद्धि के मार्ग पर चलने में सहायता कीजिये.

मत्ती 26:31-46

आपकी इच्छा 

 

 यीशु की इच्छा परमेश्वर से यह कहना है कि, ‘मेरी इच्छा नहीं, बल्कि तेरी इच्छा.’ यीशु ने हमें केवल यह प्रार्थना करना नहीं सिखाया कि: ‘तेरी इच्छा पूरी हो,’ बल्कि उन्होंने खुद के लिए भी यही प्रार्थना की: ‘हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ पर से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो’ (व.39). दूसरी बार उन्होंने प्रार्थना की, ‘ मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो’ (व.42).

 

 यह परित्याग की प्रार्थना नहीं है, बल्कि यह महान साहस की प्रार्थना है – परमेश्वर का मार्ग अपनाने की इच्छा करना, फिर चाहें जो भी हो.

 

 इस पद्यांश में हम यीशु की विनम्रता देखते हैं: ‘वह उदास और व्याकुल होने लगा’ (व.37). उनके साथ उनके तीन करीबी मित्र थे. वही तीन मित्र जिन्होंने यीशु का महिमामयी रूपांतरण देखा था, और अब वे लोग यीशु को गहरी वेदना में देख रहे हैं. उन्होंने परमेश्वर से कोई दूसरा विकल्प दिखाने के लिए प्रार्थना की. फिर भी, वह पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए तैयार थे, चाहें इसकी कुछ भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े.   

 

 यीशु के लिए, यह कीमत बिल्कुल अलग थी जिसका सामना हम नहीं कर सकते. उन्होंने पूरे संसार का पाप अपने कंधों पर उठा लिया. ‘यहां तक कि उनके प्राण निकलना चाहते थे’ (व.38). यीशु ने तीन बार प्रार्थना की कि ‘यह कटोरा उनके सामने से हट जाए’ (वव.39,42,44). यह कटोरा उनके सिर पर मंडरा रही तकलीफों और मृत्यु को दर्शाता है.  

 

 गतसमनी के बगीचे में जाने से ठीक पहले, फसह के पर्व के दिन दोपहर का भोजन लेते समय यीशु ने कहा था कि ‘यह लहू बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है’ (व.28). इससे भी ज्यादा, जैसा कि अक्सर पुराने नियम में होता था, इस कटोरे में परमेश्वर का क्रोध शामिल था (उदाहरण के लिए यशायाह 51:22; हबक्कूक 2:16). यीशु ने क्रूस पर आपकी जगह ली है.    

 

 जब आप गहराई से उदास हैं, दु:ख से परेशान हैं या कठिन समय से गुजर रहे हैं, तो ऐसे समय में यह जानना प्रोत्साहन देता है कि  यीशु ने वह सब अनुभव किया है जिसका सामना आप कर रहे हैं और आप खुद को परमेश्वर के मार्ग पर समर्पित करके उनके आदर्श का अनुसरण कर सकते हैं. 

 

 गतसमनी और अदन के बगीचे में जो कुछ हुआ था उसमें काफी फर्क है. ‘तेरी नहीं, बल्कि मेरी इच्छा’, यह पहले बगीचे में आदम और हव्वा की प्रतिक्रिया का सार था. जबकि दूसरे बगीचे में, ‘मेरी नहीं, बल्कि तेरी इच्छा’ यह पिता से यीशु की प्रार्थना थी. परमेश्वर की इच्छा पूरी करने का मतलब है कष्ट और मृत्यु. लेकिन इसने पूरी दुनिया को मुक्ति दिलाई.

 

प्रभु, मुझे आपके आदर्श का अनुसरण करने और यह प्रार्थना करने में मेरी मदद कीजिये, ‘जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो.’

निर्गमन 4:1-6:12

परमेश्वर की इच्छा

 

 इस पद्यांश में मुझे बहुत ज्यादा सांत्वना और प्रोस्ताहन मिलता है. मैं बहुत ही शर्मिला और अंतर्मुखी हूँ. स्वभाव से मैं, प्रतिकूल अगुआ हूँ. मुझे यह जानकर बड़ा प्रोत्साहन मिलता है कि मूसा जैसा महान अगुआ भी एक प्रतिकूल अगुआ था और यह कि उसने कई बहाने बनाने का प्रयास किया कि उसे वह क्यों नहीं करना चाहिये जिसके लिए परमेश्वर ने उसे बुलाया था.

 

 कल के और आज के पद्यांश में, हम पाँच बहानों को देखते हैं (इनमें से मैं हरएक को निम्नलिखित के साथ जोड़ सकता हूँ): 

 

  ‘आपको गलत व्यक्ति मिला है’

 

 मूसा कहता है, ‘मैं कौन हूँ?’ (3:11). उसने अपर्याप्तता महसूस की. हम सब महसूस कर सकते हैं, ‘मैं काफी अच्छा नहीं हूँ.’ ‘मैं काफी पवित्र नहीं हूँ.’ मूसा ने परमेश्वर से कहा, आपने गलत व्यक्ति को ढूँढा है. मैं ही क्यों?  

 

 परमेश्वर का उत्तर था, ‘मैं तेरे संग रहूँगा’ (व.12अ). सिर्फ यही मायने रखता है.

 

 ‘मैं अब तक तैयार नहीं हूँ’

 

 मूसा कहते हैं, ‘मैं उनसे क्या कहूँ?’ (व.13). उसने कम-सूचित महसूस किया. उसने यह नहीं सोचा कि वह सभी सवालों का जवाब दे पाएगा. उसने सोचा उसक़े पास कहने के लिए कुछ नहीं है.

 

 परमेश्वर ने कहा, ‘तू इस्राएलियों से यह कहना’ (व.14). परमेश्वर तुम्हें सही समय पर संदेश देंगे.

 

 ‘मैं असफल हो सकता हूँ’

 

 मूसा कहते हैं, ‘वे मेरी प्रतीति न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन कहेंगे, कि यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया’ (4:1).

 

 जवाब में, परमेश्वर ने मूसा को अपनी सामर्थ दिखाई (वव.2-9).

 

 ‘मेरे पास कौशल नहीं है’

 

 मूसा कहते हैं, ‘मेरे पास सही वरदान नहीं है’ : ‘हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं...... मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूँ’ ऐसा लगता है कि मूसा हकलाता था या उसे बोलने की कोई और समस्या थी. (‘मैं भद्दा बोलता हूँ’ 6:12 )

 

  परमेश्वर ने कहा, ‘मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा’ (4:12). परमेश्वर की सामर्थ दुर्बलता में भी सिद्ध बनाती है.

 ‘इसे कोई और कर देगा’

 मूसा कहता है, ‘जिस को तू चाहे उसी के हाथ से भेज’ (व.13). यह सोचना आसान है कि, ‘मुझ से बेहतर कोई और कर लेगा.’

 परमेश्वर मूसा से अति प्रसन्न नहीं थे लेकिन उन्होंने कहा कि वह उसके साथ हारून को भेजेंगे: ‘और मैं उसके मुख के संग और तेरे मुख के संग हो कर जो कुछ तुम्हें करना होगा वह तुम को सिखलाता जाऊंगा’ (व.15ब).

 अंत में मूसा परमेश्वर की इच्छा और परमेश्वर की बुलाहट के अनुसार जाने को तैयार हो गया. फिर सभी लड़ाइयाँ शुरू हो गईं और चीजें बेहतर होने के बजाय और भी बिगड़ती गईं. फिरौन की ‘इच्छा’ (5:15) परमेश्वर की इच्छा नहीं थी. परमेश्वर के लोगों को भूसे के बिना ईंटे बनानी पड़ती थीं. मूसा और हारून को खुद के लोगों से अपमान और विरोध का सामना करना पड़ा (व.21). मूसा ने परमेश्वर से शिकायत की कि उन्होंने जो वायदा किया था उसे उन्होंने अब तक पूरा नहीं किया (व.23). 

 परमेश्वर ने उसे इसका जवाब एक स्पष्ट दर्शन देकर दिया कि, वह कौन हैं. परमेश्वर ने कहा, ‘मैं यहोवा हूँ. मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम से इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं उन पर प्रगट न हुआ’ (6:2-3). 

 परमेश्वर ने कुछ ही शब्दों में मूसा पर खुद का स्वरूप प्रगट किया. उन्होंने दिखाया कि वह विश्वासयोग्य हैं और वह अपने वायदे को पूरा करते हैं (वव.4-5). वह प्रदर्शित करते हैं कि वह हमारे साथ दु:ख उठाते हैं और हमारे दर्द को महसूस करते हैं (व.5). वह छुटकारे और आजादी का आश्वासन देते हैं (व.6). वह हमें खुद के साथ घनिष्ठ संबंध में ले आते हैं (व.7). वह हमें अपनी विरासत में पहुँचाते हैं और हमें अपने घर में ले जाते हैं (व.8). 

 लेकिन जब मूसा ने लोगों से यह सब कहा, तो ‘उन्होंने मन की बेचैनी और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी’ (व.12).

 यह बाइबल की ज्यादातर मिसाल रही है. पहले परमेश्वर का दर्शन और उनकी बुलाहट आती है; फिर इससे पहले कि आप वायदे को पूरा होता हुआ देखें चुनौतियाँ और तकलीफें आती हैं लेकिन अंत में यह वायदा आश्चर्यजनक रूप से पूरा होता है.  

प्रभु, आपको धन्यवाद, आप कहते हैं कि, ‘मैं तुम्हारे संग रहूँगा’ (3:12). आपकी बुलाहट सुनने और आपकी इच्छा के अनुसार चलने का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए आपको धन्यवाद. जब चीजें और ज्यादा बिगड़ती हुई नजर आएं तब भी आपकी इच्छा के अनुसार चलने में मेरी मदद कीजिये.    

Pippa Adds

पीपा विज्ञापन

 

 मत्ती 26:31-46

 

 

 पतरस कहते हैं, ‘मैं तुझ से कभी न मुकरूंगा’ (व.35ब). परतस की तरह हमारे भी इरादे अच्छे हैं, लेकिन हम सब दोषपूर्ण हैं और हम परमेश्वर की सामर्थ के बिना आगे नहीं बढ़ सकते. जब शिष्यों को प्रार्थना करनी थी तब वे गहरी निद्रा में सो गए. मैं भी कई बार प्रार्थना करते समय गहरी नींद में सो गया था. मैंने आँखों का बंद होना खतरनाक पाया है!   

References

नोट्स:

फैंक सिनाट्रा, ‘माई वे’, लिरिक्स © EMI Music Publishing

 एलिजाबेथ कबलर-रॉस, जैसाकि जिम

दिन 39दिन 41

इस योजना के बारें में

एक वर्ष 2019 में बाइबल

दुनिया भर में 20 लाख से अधिक अनुमानित प्रयोक्ताओं के साथ, Bible in One Year, एक प्रमुख दैनिक बाइबल पठन की योजना है। प्रत्येक दिन आपको, एक प्साल्म या नीतिवचन पाठ, एक न्यूटेस्टामेंट पाठ और एक ओल्ड टेस्टामेंट पाठ प्राप्त होगा। फिर निकी और पिप्पा गंबेल, अंतर्दृष्टिपूर्ण कमेंटरी प्रदान करते हैं, जो कि बाइबल के साथ-साथ पाठों के बारे में ताज़ा समझ प्रदान करने के लिएपढ़े या सुने जाने के लिए है। निकी लंदन में HTB चर्च के पादरी और Alpha के अग्रदूत हैं।

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