एक वर्ष 2019 में बाइबलनमूना

एक वर्ष 2019 में बाइबल

दिन 44 का 365

अपने जीवन से कुछ सुंदर बनाएं

लॉर्ड रेडस्टॉक, 19वी सदी के मध्य में नॉर्वे में एक होटल में रूके थे. उन्होंने नीचे गलियारे में एक लड़के को पियानो बजाते हुए सुना.उसमे से भयंकर आवाज निकल रही थी: ‘प्लिंक....प्लोंक....प्लिंक....’. यह मुझे गुस्सा दिला रही थी! एक पुरूष आया और उसके बगल में बैठ गया और वह उसके साथ-साथ बजाने लगा, रिक्त स्थानों को भरते हुए. इसका परिणाम सबसे सुंदर संगीत था. बाद में उसने पता किया कि उस लड़की के साथ में बजाने वाला पुरूष उसका पिता, एलेक्जेंडर बोरोडिन था, जो कि प्रिंस इगोर ओपेरा का संगीतकार था.

 

 परमेश्वर आपको उनके साथ एक संबंध में बुलाते हैं जिसमें उनके साथ सहयोगिता शामिल है. मसीही विश्वास मुख्य रूप से उस बारे में है जो मसीह में परमेश्वर ने आपके लिए कर दिया है, हम सिर्फ दर्शक नहीं हैं. हमें इसकी प्रतिक्रिया करने के लिए बुलाया गया है. परमेश्वर हमें उनकी योजना में शामिल करते हैं. परमेश्वर आपके बगल में बैठते हैं और ‘सभी बातें मिलकर..... भलाई को ही उत्पन्न करती है’ (रोमियों 8:28). वह हमारे जीवन से ‘प्लिंक....प्लोंक....प्लिंक....’ को लेकर कुछ सुंदर बनाते हैं.

नीतिवचन 4:20-27

बुद्धिमानी से जीवन बिताएं

 

 परमेश्वर की बुलाहट का जवाब देने में, उनके पथ पर बने रहने में, बुद्दिमानी से जीवन बिताने में, और इस तरह से अपने जीवन को सुंदर बनाने में आपको एक भूमिका निभानी है. इस पद्यांश में हम खास तौर पर चार क्षेत्रों को देखते हैं जिस पर आपको निगरानी रखनी है, यदि आप लालसाओं पर जय पाना चाहते हैं.

 

 आप क्या सोचते हैं

 

 आप जो सोचते हैं उसका चुनाव कर सकते हैं. यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि जिस तरह का जीवन आप बिताएंगे वह आपके मन से शुरू होती है. ‘सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है’ (व.23). आपको अपना मन अच्छी बातों से भरना है – खासकर परमेश्वर के वचनों से (वव.20-21). ये ‘जीवन’ और ‘स्वास्थ्य’ लाते हैं (व.22). ‘जो जो बातें उचित है, आदरणीय हैं, सत्य हैं, पवित्र हैं और सुहावनी हैं और मनभावनी हैं’ उन्हीं बातों पर अपना मन लगाइये (फिलिप्पीयों 4:8).

 

 आप क्या कहते हैं  

 आपके शब्द सामर्थी हैं. इनका उपयोग सावधानी से कीजिये, ‘टेढ़ी बात अपने मुंह से मत बोल, और चालबाजी की बातें कहना तुझ से दूर रहे’ (नीतिवचन 4:24). ऐसा कहा गया है कि जुबान से निकले शब्दों में तीन द्वाररक्षक होने चाहिये: ‘क्या यह सही है? क्या यह नम्र है? क्या यह आवश्यक है?’

 आप क्या देखते हैं

 अपनी आँखों पर निगरानी रखिये. आप जो देखते हैं उसके प्रति सावधान रहिये (खासकर टीवी और इंटरनेट के इस युग में). यीशु ने सचेत किया है, ‘यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा’. लेकिन उन्होंने यह भी कहा है, ‘‘ तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा’ (मत्ती 6:22-23).

 आप कहाँ जाते हैं

 यदि आप इस बारे में सचेत हैं कि आपको कहाँ जाना है तो आप बहुत सी लालसाओं पर ध्यान नहीं देंगे. ‘अपने पांव धरने के लिये मार्ग को समथर कर, ..... अपने पांव को बुराई के मार्ग पर चलने से हटा ले’ (नीतिवचन 4:26-27). इब्रानियों पुस्तक का लेखक इस वचन से उद्धरण देता है. वह हमसे विनती करता है कि ‘वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें..... और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें. और अपने पांवों के लिये सीधे मार्ग बनाएं.’ (इब्रानियों 12:1-2, 12). 

 प्रभु, मेरी जीभ की निगरानी कीजिये और मेरे मन की रक्षा कीजिये. मुझे आज बुद्धि से चलने में मदद कीजिये.

मत्ती 27:45-66

उदारता से दें

 

 यीशु ने भयावह कष्ट और परमेश्वर से असली जुदाई का अनुभव किया ताकि आप उनकी उपस्थिति का आनंद ले सकें.

 

 यीशु का परित्याग धार्मिक गुरूओं ने, उनके अपने परिवार वालों ने, उनके लोगों ने, और उनके अपने शिष्यों ने किया था और अंत में यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, ‘एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?’ (व.46).

 

 यीशु की वेदना के शब्द परमेश्वर से बिछुड़ने की सच्ची भावना को व्यक्त करते हैं. वह भजनसंहिता 22:1 से कहते हैं, जो कि कष्ट, शोक, और परमेश्वर से जुदा होने की व्यथा है. अयूब की पुस्तक में हमने देखा कि पवित्र शास्त्र किस तरह से मनुष्य के कष्टों, परेशानियों और जटिलताओं से भरा हुआ है. हालाँकि हम क्रूस पर अपने कष्टों के प्रति परमेश्वर का अंतिम उत्तर देखते हैं – उन्होंने इसमें प्रवेश करने और इसे अपने ऊपर लेने का चुनाव किया.    

 

 जॉन स्टॉट, तकलीफों और क्रूस पर प्रतिक्रिया करते हैं: ‘यदि यह दर्द क्रूस के लिए नहीं होता, तो मैं परमेश्वर पर कभी विश्वास नहीं कर पाता.... वास्तविक दुनिया में आप कैसे उस परमेश्वर की आराधना कर सकते हैं जो इसके प्रति प्रभाव शून्य था?’ 

 

 फिर भी यीशु ने क्रूस पर हमारी तकलीफों को खुद पर ले लिया जो कि पूर्ण एकता से परे है. उनके शब्द यह दर्शाते हैं कि उन्होंने किस तरह से बहुतों को छुड़ौती के लिए अपना प्राण दे दिया (मत्ती 20:28). वह मरे ताकि आप आजाद हो जाएं. यीशु को त्यागा गया ताकि आप और मैं परमेश्वर द्वारा अपनाए जाएं. 

 

यीशु की मृत्यु के समय जो हुआ था उससे हम इस अपनाए जाने की वास्तविकता को देखते हैं: ‘और देखो मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया’ (27:51). इस संकेत का वर्णन इब्रानियों की पुस्तक में समझाया गया है. इस परदे ने लोगों को ‘परम पवित्र स्थान’ से अलग कर रखा था – जो कि परमेश्वर की उपस्थिति है (इब्रानियों 9:3).   

 

 अब यीशु के द्वारा और आपके लिए क्रूस पर उनकी मृत्यु के कारण आप परमेश्वर की उपस्थिति का और उनके साथ घनिष्ठ मित्रता का अनुभव कर सकते हैं. बल्कि संपूर्ण विवरण कि वह परदा ऊपर से नीचे तक अलग हो गया, हमें इस बात की याद दिलाता है कि यह कार्य परमेश्वर का है ना कि मनुष्य का, जिसने परमेश्वर की उपस्थिति में हमारी स्वीकार्यता को सक्षम बनाया. यीशु के परित्याग और दु:ख उठाने के कारण आप परमेश्वर की स्वीकार्यता और उनकी उपस्थिति जान सकते हैं. 

 

 भले ही परमेश्वर ने मनुष्य के इतिहास में निर्णयात्मक ढंग से कार्य किया है फिर भी यीशु मसीह के कूस पर मरने और पुनर्जीवित होने के द्वारा उन्होंने आपको अपनी योजनाओं में शामिल किया है. उन्होंने अरिमॅथे के यूसुफ नामक व्यक्ति का उपयोग किया, जो  यीशु का शिष्य बना, उस कब्र को खरीदने के लिए जहाँ पर यीशु को दफनाया गया था और जहाँ वे पुनर्जीवित हुए थे (मत्ती 27:57-60).

 

 आप अमीर हैं या गरीब यह इतना मायने नहीं रखता; लेकिन यीशु ने आपके लिए जो किया है उसके लिए आप कैसी प्रतिक्रिया करते हैं और आपके पास जो है उसके साथ आप क्या करते हैं वह मायने रखता है. यूसुफ ने उदारता से दिया और परमेश्वर ने उसके जीवन से कुछ सुंदर बनाया जिसे हर समय याद रखा जाएगा.

 

 प्रभु, आपको धन्यवाद कि मेरे लिए इन सबसे गुजरे. आपको धन्यवाद कि आपने मुझे केवल क्षमा ही नहीं किया बल्कि मुझे अपनी योजनाओं में हिस्सा लेने की अनुमति भी दी है.

निर्गमन 13:1-14:31

पूरी तरह से विश्वास करें

 

 यीशु के द्वारा परमेश्वर के छुटाकरे का पूर्वाभास पुराने नियम में है. जिस तरह से परदे के फटने के द्वारा परमेश्वर ने अपनी उपस्थिति का मार्ग खोला है, उसी तरह से परमेश्वर ने समुद्र को दो भागों में पाटने के द्वारा मार्ग खोला था. 

 

 पूरे समय हम परमेश्वर द्वारा अपने लोगों को मिस्र से छुड़ाने की पहल देखते हैं: ‘प्रभु तो तुम को वहां से निकाल लाया... उस दिन तुम अपने पुत्रों को यह कहके समझा देना, कि यह तो हम उसी काम के कारण करते हैं, जो यहोवा ने हमारे लिये किया था..... प्रभु ने हमें अपने बलवन्त हाथों से मिस्र से निकाला है.... प्रभु हम लोगों को दासत्व के घर से निकाल लाया है’ (13:3-16).

 

  परमेश्वर अपने लोगों को ले गए – हालाँकि दिलचस्प बात यह है कि परमेश्वर उन्हें छोटे मार्ग से नहीं ले गए (व. 17). कभी-कभी परमेश्वर आने वाले युद्ध के लिए हमें तैयार करने के लिए आसान मार्ग से न ले जाकर लंबे मार्ग से और परेशानियों में से ले जाते हैं. हालाँकि अब वे मिस्र से बाहर थे और इसके बाद वे एक दूसरे से युद्ध नहीं करने वाले थे. फिर भी उन्हें पूरी तरह से परमेश्वर की सामर्थ और मार्गदर्शन पर विश्वास करने के लिए सीखना जरूरी था.      

 

 प्रभु ने दिन में बादल के खंभे द्वारा रात में आग के खंभे के द्वारा उनका मार्गदर्शन किया (व.21); प्रभु ने उन लोगों का लगातार मार्गदर्शन किया. हमें व्यक्तिगत रूप में और परमेश्वर के लोगों के समाज के रूप में यही चाहिये – उनका लगातार मार्गदर्शन.

 

 कभी-कभी हम ऐसी स्थिति में पड़ जाते हैं जहाँ से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता. उनके पीछे मिस्री थे और उनके आगे समुद्र था, ‘वे लोग बहुत ही भयभीत हो गए’ (14:10, एएमपी). फिर भी उन्हें छुड़ाने के लिए मूसा ने पूरी तरह से परमेश्वर पर भरोसा किया. उसने कहा, ‘डरो मत, खड़े खड़े वह उद्धार का काम देखो, जो यहोवा आज तुम्हारे लिये करेगा;.... प्रभु आप ही तुम्हारे लिये लड़ेगा,’ (वव. 13-14). जब मैं ऐसी स्थिति में घिर जाता हूँ जहाँ मानवीय तौर पर बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता, तो मैं अक्सर इस वचन पर वापस आ जाता हूँ.  

 

 मूसा को अपनी भूमिका निभानी पड़ी (‘तू अपनी लाठी उठा कर अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ा, और वह दो भाग हो जाएगा’, व. 16अ), बल्कि परमेश्वर की भूमिका ज्यादा कठिन थी; उन्होंने पानी को दो भागों में पाट दिया था. उदाहरण के लिए जब हम किसी के लिए प्रार्थना करते हैं, कि वह पवित्र आत्मा से भर जाए, तो परमेश्वर हमारा उपयोग करते हैं. आपको अपना हाथ बढ़ाकर प्रार्थना करनी चाहिये. लेकिन परमेश्वर लोगों को पवित्र आत्मा से भरते हैं – वह अपनी भूमिका निभाते हैं, तब भी वह आपको अपनी योजनाओं में शामिल करते हैं.

 

 परमेश्वर की भूमिका थी लोगों को छुड़ाना और उन्हें बचाना: ‘प्रभु ने इस्राएल को छुड़ाया (व.30). आपका भाग है परमेश्वर पर भरोसा रखना: ‘इस्रालियों ने प्रभु का भय माना और यहोवा की और उसके दास मूसा की भी प्रतीति की’ (व.31). 

 

 परमेश्वर चाहते हैं कि आप उनके साथ सहयोग करें. उन्होंने इसी तरह से अपनी सृष्टि को डिजाइन किया है – चाहें यह प्राकृतिक दुनिया हो (जहाँ हम उगाते हैं और बढ़ाते हैं) या परमेश्वर का राज्य हो (जहाँ परमेश्वर अपना राज्य लाते हैं, फिर भी आपको अपनी भूमिका निभानी है).

 

 प्रभु, आपको धन्यवाद कि आपने कठिन भूमिका निभाई है, लेकिन आप ने मुझे अपने राज्य का हिस्सा बनने दिया और मुझे एक भूमिका निभाने दी. कृपया मुझ में से सभी ‘प्लिंक.....प्लोंक....प्लिंक’ ले लीजिये और इसे किसी सुंदरता में बदल दीजिये.

Pippa Adds

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 मत्ती 27:52-53

 

 

‘और कब्रें खुल गईं; और सोए हुए पवित्र लोगों की बहुत लोथें जी उठीं।  और उसके जी उठने के बाद वे कब्रों में से निकलकर पवित्र नगर में गए, और बहुतों को दिखाई दिए’

इससे हरकोई भयभीत हो गया होगा! पर उनका क्या हुआ?

References

नोट्स:

जॉन सॉट, द क्रॉस ऑफ क्राइस्ट, (इंटरवासिटी प्रेस, 2012)

 

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है। 

       

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

 

 जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

 

दिन 43दिन 45

इस योजना के बारें में

एक वर्ष 2019 में बाइबल

दुनिया भर में 20 लाख से अधिक अनुमानित प्रयोक्ताओं के साथ, Bible in One Year, एक प्रमुख दैनिक बाइबल पठन की योजना है। प्रत्येक दिन आपको, एक प्साल्म या नीतिवचन पाठ, एक न्यूटेस्टामेंट पाठ और एक ओल्ड टेस्टामेंट पाठ प्राप्त होगा। फिर निकी और पिप्पा गंबेल, अंतर्दृष्टिपूर्ण कमेंटरी प्रदान करते हैं, जो कि बाइबल के साथ-साथ पाठों के बारे में ताज़ा समझ प्रदान करने के लिएपढ़े या सुने जाने के लिए है। निकी लंदन में HTB चर्च के पादरी और Alpha के अग्रदूत हैं।

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