एक वर्ष 2019 में बाइबलनमूना
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जीवन के उतार-चढ़ाव
जब मैं एक मसीही के रूप में अपने पिछले चालीस सालों को देखता हूँ, तो आत्मिक ऊँचाइयों का समय कई बार आया था – पवित्र आत्मा के अनुभव, परमेश्वर का प्रेम, यीशु के साथ पहली बार मुलाकात करते हुए लोगों को देखने का आनंद, प्रार्थना के अद्भुत उत्तर और परमेश्वर के राज्य को बढ़ते हुए देखना. दूसरी तरफ, आत्मिक उतार के समय भी आए थे – बेजान अनुभव, वियोग, निराशा, असफलता, अभिलाषाएं, विरोध, स्वास्थ्य संबंधी मामले और थकान. आज के लेखांश में हम देखते हैं कि आत्मिक उतार और चढ़ाव के बीच गहरा संबंध है.
भजन संहिता 22:1-11
विश्वास कीजिये कि अंत में कष्ट विजय में बदल जाएगा
यह भजन क्रूस पर यीशु की पुकार की पृष्ठभूमि तैयार करता है, ‘हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?’ (व.1अ). यह कोई संयोग नहीं था कि यीशु ने इस भजन को दोहराया (मत्ती 27:46).
भजन 22 क्रूस और पुनरूत्थान के लिए एक पूर्वकथित पृष्ठभूमि तैयार करता है, जिसे हम यीशु में पूरा होता हुआ देखते हैं. ‘मनुष्यों में उनकी नामधराई हुई और लोगों ने उनका अपमान किया’ (व.6). उनका ठठ्ठा किया (व.7) और सिर हिलाते हुए उनका मजाक उड़ाया (व.7ब). ‘उसने प्रभु पर भरोसा किया है और वही उसको छुड़ाएगा’ (व.8अ).
यह यीशु के दु:ख उठाने का वर्णन सटीकता से करता है (मत्ती 27:31-46 देखें) और फिर भी इसका अंत विजय में हुआ.
इस भजन का संदेश हमारे दु:ख के समय में भी परमेश्वर पर भरोसा रखने का महत्व है (भजनसंहिता 22:4-5,9). यीशु अपने जीवन के गहरे दु:ख के समय में – क्रूसित होने और परमेश्वर द्वारा त्यागे जाने के समय में – परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखे कि वहीं उनको छुड़ाएंगे. क्रूस पर दिखाई देने वाली पराजय अनंतकाल की महानतम विजय बनी.
यदि आप दु:खी हैं, तो याद रखें कि सताया जाना अंतिम शब्द नहीं है. यीशु में, पुनरूत्थान और परमेश्वर की विजय ही अंतिम शब्द है. उन पर विश्वास बनाए रखें.
प्रभु, उस समय के लिए धन्यवाद जब मैंने आपको पुकारा और आपने मुझे बचा लिया; मैंने आप पर भरोसा किया और आपने मुझे निराश नहीं किया. संकट के समय में आप पर विश्वास बनाए रखने में मेरी मदद कीजिये.
मरकुस 1:1-28
संघर्षों और आशीषों के द्वारा अधिकार में बढ़ते जाएं
हाल ही में मैंने और पीपा ने बिली ग्राहम का वीडियो देखा जब वह सन् 1963 में लॉस एन्जेलेसे में प्रचार कर रहे थे. यह फिल्म श्वेत और धवल रंग में है. वह बाइबल के अधिकृत संस्करण में से प्रचार कर रहे थे. लेकिन पचास साल के बाद भी उस संदेश में सामर्थ था. जिस अधिकार से वह प्रचार कर रहे थे उसने मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित किया. इस तरह का अधिकार यीशु के सर्वोच्च अधिकार को दर्शाता है.
इस लेखांश में हम देखते हैं कि परमेश्वर ने यीशु को आत्मिक संघर्षों और आशीषों में उतार-चढ़ाव के द्वारा तैयार किया.
मरकुस सबसे लघु सुसमाचार है. यह यीशु के तीन सप्ताह के कार्यों को और अपने बीस मिनटों को कवर करता है. यह सबसे जीवित सुसमाचार है; यह एक घटना से दूसरी घटना तक श्वासहीन रोमांच के वातावरण में दौड़ता है. यह यीशु मसीह के सुसमाचार की अतिशीघ्र घोषणा है.
मरकुस का पसंदीदा शब्द ‘तुरंत’ है. यीशु दबाव में आने वाले जीवन के बारे में सबकुछ जानते थे. उन्होंने आत्मिक उतार-चढ़ाव का अनुभव किया था: उनके बपतिस्मा के समय यीशु ने महान आत्मिक ऊँचाई का अनुभव किया. उन्होंने एक दर्शन देखा: ‘जब वह पानी से निकलकर ऊपर आया, तो तुरन्त उस ने आकाश को खुलते (व.10अ) और आत्मा को कबूतर की नाई अपने ऊपर उतरते देखा’ (व.10ब). उन्होंने परमेश्वर की आवाज सुनी: ‘यह आकाशवाणी हुई’ (व.11अ). उन्होंने पुत्र होने का आश्वासन प्राप्त किया: ‘तू मेरा पुत्र है’ (व.11ब). उन्होंने अपने लिए परमेश्वर के गहरे प्रेम को जाना: ‘तुझ से मैं प्यार करता हूँ’ (व.11क). उन्होंने परमेश्वर की प्रसन्नता का आनंद उठाया: ‘तुझ से मैं प्रसन्न हूँ’ (व.11ड).
उसके बाद वह सीधे आत्मिक उतार में चले गए. ' और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उनकी परीक्षा की' (व.12).
आत्मिक आक्रमण के बाद मिलने वाले महान आत्मिक अनुभवों से अचंभित न हों. हम अक्सर लोगों को इस बारे में सावधान करने की कोशिश करते हैं. उदाहरण के लिए, अल्फा सप्ताहांत में, यदि आप अपने लिए परमेश्वर के गहरे प्यार का आश्वासन प्राप्त करते हुए और यह जानते हुए कि आप परमेश्वर के पुत्र हैं, पवित्र आत्मा से भर जाते हैं, तो इसके बाद संदेहों और परीक्षाओं के रूप में आने वाले इन आक्रमणों से अचंभित मत होइये.
जब मैं अपने जीवन में पीछे देखता हूँ, हालाँकि उस समय ये परीक्षाएं बहुत दु:खदायी नजर आती थीं, फिर भी अब मैं जान गया हूँ कि आने वाले दिनों के लिए ये कितनी महत्वपूर्ण थीं.
यह सब परमेश्वर की व्यवस्था का हिस्सा हैं – यह ‘पवित्र आत्मा’ ही थे जो यीशु को जंगल में ले गए थे (व.12) ताकि शैतान से उनकी परीक्षा हो (व.13). किसी तरीके से, ‘जंगल’ और डरावनी परीक्षाएं यह आश्वासन देते हैं कि यह वास्तव में सच हैं. पवित्र आत्मा का अनुभव सच्चा है लेकिन उसी समय में आत्मिक युद्ध और परीक्षाएं गहन हो सकती हैं.
यीशु परीक्षा के इस दौर से असाधारण अधिकार के साथ उभर कर आए:
सुसमाचार प्रचार करने का अधिकार
यीशु ने सुसमाचार का प्रचार किया और लोगों को अपने पीछे चलने के लिए कहा. हमारी सबसे पहली प्राथमिकता यीशु के साथ संबंध बनाना है.
अगुआई का अधिकार
जब यीशु चाहते थे कि कोई अपना काम-धंधा छोड़कर सीधे राज्य के लिए कार्य करें, तो उन्होंने उनके पास जाकर उनसे कहा (वव.17,20). सबसे पहले शिष्य का जीवन मछली पकड़ने वाले मछुआरे से, मनुष्यों को पकड़ने वाले मछुआरे में पूरी तरह से बदल गया.
शिक्षा देने का अधिकार
लोग यीशु की शिक्षा देखकर चकित हो गए, ‘क्योंकि वह उन्हें शास्त्रियों की नाईं नहीं, परन्तु अधिकारी की नाई उपदेश देता था’ (व.22). ‘इस पर सब लोग आश्चर्य करते हुए आपस में वाद-विवाद करने लगे कि यह क्या बात है? यह तो अधिकार के साथ कोई नया उपदेश है!’ (व.27).
चंगाई करने का अधिकार
यीशु दुष्टात्मा से ग्रसित व्यक्ति को चंगा करते हैं. उन्हें दुष्टात्माओं पर अधिकार प्राप्त था, ‘यीशु ने उसे डांटकर कहा, चुप रह; और उस में से निकल जा’ (व.25). लोग यीशु के सिर्फ उपदेश पर चकित नहीं हुए, बल्कि यह देखकर भी चकित हुए कि ‘वह अधिकार के साथ अशुद्ध आत्माओं को भी आज्ञा देता है, और वे उस की आज्ञा मानती हैं’ (व.27).
चाहें आप किसी भी स्थिति से गुजर रहे हों, विश्वास कीजिये कि परमेश्वर आपको तैयार कर रहे हैं और जिस के लिए वह आपको बुला रहे हैं, उसे करने के लिए वह आपको अधिकार में बढ़ा रहे हैं.
उनसे कहिये कि वह आपको एक बार फिर से पवित्र आत्मा से भर दें. निश्चिंत हो जाइये कि, मसीह में, आप भी परमेश्वर की संतान हैं. वह आपसे प्यार करते हैं. जान लीजिये कि परमेश्वर आपको प्रसन्नता से देख रहे हैं. सुनिये, वह आपसे कह रहे हैं” ‘यह मेरा प्रिय पुत्र है, इससे मैं प्रसन्न हूँ’ (व.11).
प्रभु, मुझे एक बार फिर अपनी पवित्र आत्मा से भर दीजिये.... मुझे अधिकार में, अपने शब्दों में और कार्यों में बढ़ने में मदद कीजिये.
निर्गमन 17:1-18:27
उतार को ऊँचाइयों में बदलने के लिए प्रार्थना करें और कार्य करें
मूसा बहुत ही आत्मिक उतार में चले गए थे. ‘लोग मूसा से वादविवाद करने लगे’ (17:2); वे ‘कुड़कुड़ाने लगे’ (व.3); ‘वे सब पत्थरवाह करने को तैयार हो गए’ (व.4); ‘ अमालेकी आकर इस्रालियों से लड़ने लगे’ (व.8). फिर भी परमेश्वर ने उतार को ऊँचाइयों में बदल दिया. कैसे?
एक दूसरे को सहारा दें और प्रोत्साहन दें
पहले, मूसा ने प्रभु की दोहाई दी, और कहा, इन लोगों से मैं क्या करूं? .... तब प्रभु ने मूसा से कहा, (वव.4-5). दूसरा, उसने यहोशू और लोगों के लिए मध्यस्थी की: ‘और जब तक मूसा अपना हाथ उठाए रहता था तब तक तो इस्राएल प्रबल होता था; परन्तु जब जब वह उसे नीचे करता तब तब अमालेक प्रबल होता था' (व.11).
'जब मूसा के हाथ भर गए,..... और हारून और हूर एक एक अलंग में उसके हाथों को सम्भाले रहें;..... और यहोशू ने अनुचरों समेत अमालेकियों को तलवार के बल से हरा दिया' “क्योंकि ये हाथ प्रभु के सिंहासन की तरफ उठे थे”’ (वव.12-13,16).
यह लेखांश हमें मध्यस्थी की प्रार्थना की सामर्थ और आवश्यकता की याद दिलाता है. यह हमें प्रेमपूर्ण समर्थन और प्रोत्साहन के महत्व की याद भी दिलाता है जिसे हम एक दूसरे को थकान के समय दे सकते हैं.
नियुक्त करना सीखें
मूसा के ससुर, यित्रो, ने मूसा को कुछ उत्तम सुझाव दिये (18:19). उसने बताया कि यदि वह इस काम को किसी और को नहीं सौंपेगा, तो वह थक जाएगा: ‘यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता’ (व.18ब). मूसा अपने ससुर की सुनने के लिए काफी नम्र और बुद्धिमान था.
सबकुछ खुद ही करना ‘अच्छा नहीं’ है (व.17). यह अगुआई करने का बुरा तरीका है और इससे थकान हो जाती है: ‘ इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे’ (व.18). इससे दूसरे लोगों के वरदान, समय और क्षमता का उपयोग ठीक तरह से नहीं हो पाता. इससे लोगों के साथ-साथ आप भी हतोत्साहित हो जाएंगे
फिर भी, सिर्फ नियुक्त करने से समस्या का हल नहीं होगा. हमें सही अगुए की जरूरत है. यदि आप गलत लोगों को नियुक्त करेंगे, तो आप किसी भी तरह से समस्या का समाधान नहीं कर पाएंगे. यदि आप सही अगुए को चुनेंगे तो आप उनपर भरोसा कर सकते हैं, उन्हें भेज सकते हैं और उन्हें सशक्त कर सकते हैं.
मूसा ने यित्रो का सुझाव माना. अगुओं को चुनने और उन्हें नियुक्त करने के लिए उसने तीन शर्तें रखीं. पहली शर्त, उसने सक्षम लोगों को चुना (व.21अ). जब हम लोगों को नियुक्त करते हैं तो हमें उन पर भरोसा होना जरूरी है. दूसरी शर्त, उसने अगुओं को उनकी आत्मिकता के आधार पर चुना – जो परमेश्वर का भय मानते थे (व.21ब). तीसरी शर्त, उनका चरित्र था. हमें ‘कर्तव्यनिष्ठ’ लोग चाहिये (व.21क). जो – ईमानदार, बुद्धिमान, और विश्वासयोग्य हो.
मूसा ने अगुओं को उनकी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न तरह से जिम्मेदारियाँ सौंपी (उन को हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त किया, 21क). उसने कुछ संख्या में निर्णय लेने वालों को भी नियुक्त किया, लेकिन सभी को नहीं. उन्हें साधारण निर्णय लेने की अनुमति दी, लेकिन सभी नहीं (व.26). परिणाम यह हुआ कि मूसा तनाव में भी ठहर सका और लोग कुशल से घर पहुँच गए (व.23).
प्रभु, मेरी मदद कीजिये कि मैं अपने जीवन में आपके साथ संबंध बनाने को पहली प्राथमिकता दे सकूँ और सक्षम लोगों को ढूँढ सकूँ, जो परमेश्वर का भय मानते हैं और जो विश्वासयोग्य हैं, ताकि मैं उन्हें सशक्त करके भेज सकूँ जिससे मैं ‘तनाव में स्थिर रह सकूँ और लोग संतुष्ट होकर घर जा सकें’ (व.23).
Pippa Adds
पीपा विज्ञापन
निर्गमन 18:9,17-19
यित्रो बहुत अच्छा ससुर था. वह मूसा की सफलता को देखकर आनंदित था और जब उसने मूसा को परेशानी में देखा तो उसे सुझाव दिया.
References
नोट्स:
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
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दुनिया भर में 20 लाख से अधिक अनुमानित प्रयोक्ताओं के साथ, Bible in One Year, एक प्रमुख दैनिक बाइबल पठन की योजना है। प्रत्येक दिन आपको, एक प्साल्म या नीतिवचन पाठ, एक न्यूटेस्टामेंट पाठ और एक ओल्ड टेस्टामेंट पाठ प्राप्त होगा। फिर निकी और पिप्पा गंबेल, अंतर्दृष्टिपूर्ण कमेंटरी प्रदान करते हैं, जो कि बाइबल के साथ-साथ पाठों के बारे में ताज़ा समझ प्रदान करने के लिएपढ़े या सुने जाने के लिए है। निकी लंदन में HTB चर्च के पादरी और Alpha के अग्रदूत हैं।
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अपने दिन Bible in One Year के साथ शुरू करें जो कि निकी और पिप्पा गंबेल की टिप्पणी के साथ लंदन के HTB चर्च से एक बाइबल पठन की योजना है।.हम इस योजना को प्रदान करने के लिए निकी और पिपा गंबेल, एचटीबी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.bibleinoneyear.org/