निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबलनमूना
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शत्रुतापूर्ण माहौल में कैसे रहा जाए
इल्सामी उग्रवाद और संघर्ष के कारण लाखों मसीही लोगों ने इराक और सीरिया से पलायन किया है. मसीही लोगों को उग्रवादी सताव और सामुहिक फांसी का सामना करना पड़ता है. दाईश ने मसीहत को पहले दर्जे का शत्रु घोषित किया है.
लाखों मसीही जन ऐसे देशों में रहते हैं जहाँ उन्हें अपने विश्वास के कारण सताया जाता है. कई सरकार चर्च के विकास को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं. बल्कि पारंपरि ईसाई देशों में भी जोशपूर्ण मसीहत के प्रति शत्रुता बढ़ रही है. परमेश्वर के लोगों के लिए शत्रुता कोई नई बात नहीं है. अक्सर लोगों को सफलता, विकास और बड़ी संख्याओं से डराया जाता है.
शायद आप भी अपने विश्वास के कारण अपने कार्य के स्थान में या बल्कि अपने परिवार में शत्रुता का सामना कर रहे होंगे. आज का लेखांश शत्रुपूर्ण वातावरण में जीने की सच्चाई को न केवल प्रदर्शित करता है बल्कि वो यह भी बताता है कि हम कैसे जीवित रह सकते हैं और ऐसी शत्रुता के बीच कैसे उन्नति कर सकते हैं.
भजन संहिता 19:1-6
परमेश्वर के प्रकाशन का अध्ययन करें
परमेश्वर ने सृष्टि के द्वारा खुद को पूरी दुनिया पर प्रगट किया है. दाऊद कहते हैं कि जब आप सुष्टि की ओर देखते हैं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि परमेश्वर हैं: 'आकाश ईश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है' (वव.1-2).
फ्रांसिस कोलिन, मानव जीन समूह परियोजना के प्रमुख, ने 2000 से भी ज्यादा वैज्ञानिकों के दल की अगुआई की मानव जीन समूह में तीन बिलियन अक्षरों को निर्धारित करने के लिए एक साथ मिलकर काम किया था – हमारी खुद की डीएनए निर्देशिका पुस्तक. उन्होंने कहा कि, 'मैं नहीं देख सकता कि खुद प्रकृति ने इसे कैसे बनाया होगा. केवल अलौकिक शक्ति ही ऐसा कर सकती है जो अंतरीक्ष और समय से परे है.'
सृष्टि में परमेश्वर का प्रकटीकरण हर एक के लिए मौजूद है. इससे कोई भी छूटा नहीं है. 'न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहाँ उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है।' (व.3-4).
जब हम दुनिया को देखते हैं तो हमें परमेश्वर के पैरों के निशान दिखाई देते हैं – 'उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से ही उनके कामों के द्वारा देखने में आते हैं।' (रोमियों 1:20). फिर भी परमेश्वर ने खुद को सारे जगत पर प्रगट किया है, इनमें से ज्यादातर उनके बैरी बने हुए हैं.
परमेश्वर की रचना का अध्ययन करने के लिए समय निकालिये और उन्हें धन्यवाद दीजिये और उन्होंने जो चीजें बनाई हैं उनकी सुंदरता का आनंद लीजिये.
प्रभु, आपको धन्यवाद कि आप सृष्टि के द्वारा हर दिन और हर रात बातें करते हैं, और ऐसी कोई भी बोली या भाषा नहीं है जहाँ आपकी आवाज सुनाई नहीं देती.
मत्ती 26:1-30
परमेश्वर के समाधान को समझें
क्या कभी आप पर अपने दोस्त द्वारा गलत दोष लगाया गया है या आपको धोखा दिया गया है? क्या कभी लोगों ने आपके विरूद्ध युक्ति की हैं? या क्या कभी आपने व्यक्तिगत रूप से शत्रुता का अनुभव किया है? यीशु ने यह सभी अनुभव किया था.
परमेश्वर ने खुद को इस सृष्टि में प्रगट किया. फिर भी, उनका सर्वश्रेष्ठ प्रगटीकरण उनके पुत्र यीशु मसीह के रूप में हुआ है.
परमेश्वर स्वयं इस शत्रुपूर्ण संसार का हिस्सा बनने के लिए, और इसके बारे में कुछ करने के लिए आए. इस लेखांश में हम परमेश्वर के समाधान की एक झलक देखते हैं, जिसे उन्होंने अपने पुत्र यीशु मसीह के रूप में आने और हमारे लिए प्राण देने के द्वारा पूरा किया है. फिर भी संसार यीशु का शत्रु था.
युक्ति करना
हमें यीशु और आज की मसीहत के प्रति संसार की शत्रुता देखकर आश्चर्य नहीं होना चाहिये. यीशु जानते थे कि उन्हें, 'पकड़वाया जाएगा और क्रूस पर चढ़ाया जाएगा' (व.2). महायाजक और वृद्ध लोग 'आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छल से पकड़कर मार डालें' (व.4).
यीशु बारह शिष्यों से कहते हैं, 'मैं तुम से सच कहता हूँ, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा' (व.21).
दोष लगाना
जब एक स्त्री 'संगमरमर के पात्र में बहुमोल इत्र लेकर यीशु के पास आई, और जब वह भोजन करने बैठा था, तो उसके सिर पर उण्डेल दिया' (व.7), 'तब यह देखकर, उसके चेले रिसयाए और कहने लगे, इस का क्यों सत्यनाश किया गया?' (व.8).
इस घटना के पीछे कुछ गहरी भावना है. यीशु को हमारे लिये दिया गया. इसकी कीमत हमारी कल्पना से भी परे है और उनकी मृत्यु बिल्कुल करीब थी. कीमती इत्र का पात्र केवल एक बर्तन था फिर भी इसे बेकार कर दिया ऐसा कहकर शिष्य आपस में बात का बतंगड़ बना रहे थे.
ज्यादातर लोग आपके सामाजिक कार्यों को समझते हैं (उदाहरण के लिए, गरीबी के लिए प्रतिक्रिया के रूप में) लेकिन यीशु के लिए आपकी आराधना और उससे संबंधित चीजों को समझना उनके लिए कठिन है. वे इसे व्यर्थ समझते हैं और सोचते हैं कि आपके समय और धन का इससे बेहतर उपयोग हो सकता है (व.9), लेकिन यीशु इन चीजों को अलग तरह से देखते हैं: 'उस ने मेरे साथ भलाई की है' (व.10). उसने यीशु के लिए असाधारण प्रेम दर्शाया.
विश्वासघात (धोखा)
लोग धन के लिए क्या नहीं करते! यीशु इस अवसर की ताक में था कि वह 'चांदी के तीस सिक्कों' के लिए यीशु को कब पकड़वाए (व.15). इसकी कल्पना बेहद मुश्किल है कि यीशु को कितना दु:ख पहुँचा होगा, क्योंकि यहूदा उनके सबसे करीबी 'दोस्तों', उनके आंतरिक चक्र, और चुने गए बारहों चेलों में से एक था. वह जानते थे कि, ' तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा' (व.21).
फिर भी यीशु ने अपने असाधारण प्रेम में, उन्हें तिरस्कृत करने के बजाय, उनके लिए अपनी जान दे दी. साथ में भोजन करते समय, वह अपनी मृत्यु का अर्थ समझाने लगे. वह रोटी तोड़ने और दाखरस पीने के द्वारा समझाते हैं कि 'यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है' (व.28). शत्रुपूर्ण संसार के लिए यीशु का उत्तर था कि बैरी दुनिया उन्हें क्रूस पर चढ़ाएगी ताकि क्षमा और छुटकारा संभव हो सके.
जब भी आप प्रभु भोज में भाग लेते हैं, तब यह आपको यीशु के बैरी संसार की और उसी संसार के लिए यीशु के प्रेम की याद दिलाता है.
प्रभु, इस शत्रुपूर्ण वातावरण में जीने का असाधारण उदाहरण बताने के लिए आपको धन्यवाद. आपको धन्यवाद कि आपकी मृत्यु के कारण क्षमा और छुटकारा पाना संभव हुआ है.
निर्गमन 1:1-3:22
जानें कि परमेश्वर कौन हैं
मूसा ने परमेश्वर से कहा, ' मै कौन हूँ जो फिरौन के पास जाऊं?' परमेश्वर ने उसे यह बताते हुए उत्तर दिया कि वह कौन हैं. अंत में, हमारे सभी प्रश्नों और समस्याओं का जवाब इसमें नहीं है कि हम कौन हैं, बल्कि इसमें है कि परमेश्वर कौन हैं.
यदि पहली सदी में आपने एक यहूदी को पूछा होता कि अब तक का सबसे महान व्यक्ति कौन है, तो उन्होंने जवाब दिया होता, बेशक: 'मूसा'. वह इतिहास का श्रेष्ठ व्यक्ति था. उसने उन्हें गुलामी से छुड़ाकर उन्हें आजादी का जीवन दिया था. उसने उन लोगों को व्यवस्था दी थी. निर्गमन की पुस्तक हमें नये देश का निर्माण प्रस्तुत करती है और हमें उस व्यक्ति से परिचय कराती है जो इसके लिए जिम्मेदार था.
एक 'नया राजा' सत्ता में आया था जो 'यूसुफ के बारे में नहीं जानता था' (1:8). 'नया राजा' इस सच्चाई को नहीं जानता था कि यूसुफ ने मिस्र को बचाया था. लोग परमेश्वर की अच्छी बातों को जल्दी ही भूल जाते हैं जो उन्होंने पिछले दिनों में किये थे. सरकार उनसे जबरदस्ती श्रम कराकर उन्हें 'बेरहमी' से सता रही थी (वव.11-14). उन्होंने मदद के लिए विनती की और 'परमेश्वर ने उनका कराहना सुना' (2:24).
पूरे इतिहास में लोग परमेश्वर की संतान पर जय पाने की कोशिश करते रहे – लेकिन वे कभी कामयाब नहीं हो पाए. 'पर ज्यों ज्यों वे उन को दु:ख देते गए त्यों त्यों वे बढ़ते और फैलते चले गए;' (1:12). बल्कि आज भी, जब चर्च को सताया और दबाया जाता है, तो अक्सर यह बढ़ता है और फैल जाता है.
मूसा फिरौन का दत्तक पोता था – एक ताकतवर राजकुमार. धन, यौन क्रिया और ताकत मूसा के पास बहुतायत से हो सकती थी. लेकिन इसके बजाय उसने शत्रुता को सहन करना चुना. उसने परमेश्वर की बुलाहट का पालन किया और खुद को परमेश्वर का जन पहचाने जाने का चुनाव किया – ऐसे लोगों का समूह – एक गुलाम देश यानि इस्राएल - जिन्हें ऐसे लोग अपमान समझते थे जिनका पालन पोषण मूसा की तरह हुआ था.
नये नियम की दृष्टि से, हम मूसा का वह निर्णय देखते हैं जिसमें उसने थोड़ी देर के लिए पाप का आनंद लेने के बजाय परमेश्वर के लोगों के साथ बुरे बर्ताव का शिकार होना पसंद किया. उसने मिस्र के खजाने की तुलना में मसीह के लिए अपमानित होना ज्यादा मूल्यवान समझा , क्योंकि वह आनेवाले प्रतिफल को देख रहा था (इब्रानियों 11:25-26).
यह निर्णय लेना आसान नहीं था. फिर भी, अंत में उसने परमेश्वर की बुलाहट का पालन किया और संसार से शत्रुता ली.
उसकी आज्ञा पालन का मुख्य आधार यह जानना था कि परमेश्वर कौन हैं. इन वचनों में विभिन्न तरीकों से परमेश्वर ने खुद को मूसा पर प्रगट किया और यह वायदा किया कि, 'मैं तेरे संग रहूँगा' (निर्गमन 3:12). उनके नाम का प्रकाशन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये नाम एक व्यक्ति के चरित्र या स्वभाव को व्यक्त करते हैं: परमेश्वर खुद को 'मैं जो हूँ सो हूँ' (व.14) के रूप में प्रगट करते हैं. केवल एक ही तरीका जिसके द्वारा परमेश्वर खुद का वर्णन पूरी तरह से कर सकते हैं.
यह नाम हमारे परमेश्वर की असाधारण महानता और अनंत स्वभाव का वर्णन करता है. यह नाम (संक्षिप्त रूप में है) जो बाद में ऐसा नाम बन जाता है जिसके द्वारा परमेश्वर बाकी के पुराने नियम में जाना जाते हैं. इब्रानी में यह यहवे है, इसे अंग्रेजी में सामान्य रूप से 'प्रभु' कहा जाता है. मूसा के आगामी आज्ञा पालन का आधार इस बात को जानना है कि परमेश्वर कौन हैं.
वास्तव में, परमेश्वर मूसा से कहते हैं कि उस शत्रुता के बारे में चिंता मत करो जिसका सामना तुम करनेवाले हो. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 'मैं जो हूँ, सो हूँ' उसके साथ है. वह आपके सभी डर, निराशा और चुनौतियों के लिए काफी हैं. जब आप जान लेंगे कि 'मैं जो हूँ, सो हूँ' आपके साथ हैं, तब आप चैन और शांति पा सकते हैं.
प्रभु, मूसा के उदाहरण का अनुसरण करने और थोड़ी देर के लिए पाप का मजा लेने के बजाय परमेश्वर के लोगों के साथ अपमान सहन करने में मेरी मदद कीजिये. मेरी मदद कीजिये कि यह बैरी संसार जो भी दे सकता है उसे पाने के बजाय मैं मसीह के लिए अपमानित होना असाधारण मूल्य की बात समझूँ.
Pippa Adds
पीपा विज्ञापन
मूसा का जीवन इन पाँच बहादूर स्त्रियों का ऋणी था:
शिप्रा और पूआ ने राजा का विरोध किया और सैकड़ों बालकों की जान बचाई.
मूसा की बहन (मरीयम) जिसने मूसा की माँ को दाई के रूप में बतलाकर बुद्धिमानी का काम किया.
मूसा की माँ ने अपने तीन बच्चों (मूसा, हारून, और मरीयम) में महान विश्वास जगाया.
सबसे आश्चर्यजनक रूप से, फिरौन की बेटी ने मूसा पर कृपा की और उसकी जान बचाई.
References
नोट्स:
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
इस योजना के बारें में
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यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।
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अपने दिन Bible in One Year के साथ शुरू करें जो कि निकी और पिप्पा गंबेल की टिप्पणी के साथ लंदन के HTB चर्च से एक बाइबल पठन की योजना है।. हम इस योजना को प्रदान करने के लिए निकी और पिपा गंबेल, एचटीबी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://alpha.org