निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबलनमूना
‘सफलता’ क्या है?
हाउ टू बी ए ह्यूज सक्सेस (एक बड़ी सफलता कैसे बनें), यह विभिन्न तरह के प्रसिद्ध ‘सफल’ लोगों से प्राप्त कथनों और सुझावों की एक छोटी सी किताब है. इसके कवर का पिछला हिस्सा पूछता है, ‘क्या आप प्रसिद्धि, भाग्य या महानता के साथ टकराव की राह पर हैं? हमारे समाज में अक्सर ‘सफलता’ का पीछा इसी तरह से किया जाता है.
शायद इसके नकारात्मक अर्थ की वजह से, कभी-कभी चर्च में हम ‘सफलता’ शब्द से थोड़ा चौकन्ने हो जाते हैं. हालांकि, बाइबल में ‘सफलता’ शब्द गन्दा नहीं है. यह हमारे आज के पुराने नियम के पद्यांश में (उत्पत्ति 24:12,21,40,42,56)) लगभग पाँच बार आया है – और हर बार बहुत ही सकारात्मक प्रकाश में.
सफलता प्रभु की ओर से आशीष है (वव.31,50). सफलता एक अच्छी बात है. फिर भी यीशु की सेवकाई और बाइबल का संदेश सफलता को फिर से परिभाषित करता है.
भजन संहिता 8:1-9
उनकी सृष्टि की सफलता के लिए परमेश्वर की स्तुति करें
हमारी आकाशगंगा में हमारे सूर्य की तरह शायद सौ अरब तारे हैं. हमारी आकाशगंगा एक सौ आकाशगंगाओं में से एक है. जब हम सृष्टि की विशालता पर विचार करते हैं, तो मनुष्य को छोटा और महत्वहीन महसूस करना आसान होता है.
दाऊद इस भजन की शुरूवात और अंत परमेश्वर की रचना की सफलता के लिए उनकी आराधना करते हुए करता है (वव. 1-2अ,9).
जब रात में आकाश को ताकता है (शायद उन रातों को याद करते हुए जब वह एक चरवाहा लड़का था), दाऊद कहते हैं, ‘जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं; तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? ’ (वव. 3-4, एमएसजी).
दाऊद उस सच्चाई की तारीफ करता है कि मनुष्य परमेश्वर की श्रेष्ठ रचना है – एक श्रेष्ठ कृति – जिसे उनके स्वरूप में बनाया गया है. परमेश्वर आपसे सिर्फ प्रेम नहीं करते और आपका ख्याल ही नहीं रखते, बल्कि उन्होंने आपको असाधारण अधिकार भी दिया है: ‘तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है। तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है।’ (वव. 5-6).
परमेश्वर ने जो भी बनाया है उसका अधिकारी हमें बनाया है. यह जानने के बाद, मसीही लोगों को सुरक्षा, संरक्षण और परमेश्वर की अद्भुत रचना की देखभाल करने के लिए सबसे आगे रहना चाहिये.
अवश्य ही हम पतित, पापी मनुष्य हैं और हमें सृष्टि पर प्रभुता करने की परमेश्वर की मूल योजना बिगाड़ दी गई है. फिर भी, नये नियम में, हम इन वचनों को भी देखते हैं जो सीधे यीशु पर लागू होते हैं (इब्रानियों 2:8). मसीह में सृष्टि फिर से नई हो गई है (इफीसियों 1:19-23; 2:5-6) और एक दिन यह पूरी होगी और हम सबकुछ उनके चरणों में देखेंगे (1 कुरिंथियों 15:24-26).
प्रभु, जब मैं आपकी रचना की विशालता, सुंदरता और सफलता को देखता हूँ, तो मैं आपकी स्तुति और आराधना करने लगता हूँ: ‘हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है॥’ (भजन संहिता 8:9).
मत्ती 9:14-38
यीशु पर तैयार की गई सफलता का अनुसरण करें
यीशु सफलता को पुन:परिभाषित करते हैं. यदि हम जानना चाहते हैं कि सच्ची सफलता क्या है, तो हमें यीशु के आदर्शों को देखना होगा – उनका दर्शन, जीवन और शिक्षा. यह ऐसी सफलता है जो अब तक हर जगह मानी नहीं गई है.
यीशु की प्रशंसा और निंदा दोनों की गई थी. सफलता का मतलब प्रसिद्धि नहीं है. कुछ ने उनकी प्रशंसा की: ‘इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया। ’ (व. 33). अन्य लोगों ने उनसे नफरत की : फरीसियों ने कहा, ‘यह तो दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है॥’ (व.34).
यीशु के अनुयायी होने के नाते, शायद आपकी भी प्रशंसा और निंदा दोनों होगी, विलियम विबरफोर्स ने कहा था कि वह इंग्लैंड में सबसे ज्यादा प्रशंसनीय और सबसे ज्यादा निंदनीय व्यक्ति था.
अपने सुसमाचार में, मत्ती यीशु की सेविकाई की सफलता का वर्णन करता है (च. 5-9). वह संक्षिप्त में कहता है, ‘यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। ’ (9:35).
परमेश्वर के राज्य की सच्चाई लाते हुए और उसके आसपास के लोगों के जीवन में उनकी उपस्थिति को लाते हुए, यीशु ने शब्दों में और कार्यों से परमेश्वर का राज्य दिखाया. यीशु की सफल जीवन-शैली ऐसी दिखती है और आपको और हमें इसका अनुसरण करने के लिए ही बुलाया गया है.
सफल जीवन शैली पाने के लिए आपको, बारह शिष्यों की तरह, अपना जीवन यीशु के लिए तैयार करना है और उनके दर्शन को बांटना है:
जरूरत अत्यंत महत्वपूर्ण है
- यीशु ने देखा कि ‘वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे।’ (व.36). आज हम लाखों लोगों को देखते हैं जो यीशु को नहीं जानते और आत्मिक रूप से भटके हुए हैं. इसके अलावा, हम लाखों लोगों को देखते हैं जो भूखे, बेघर, और लाइलाज बीमारी से त्रस्त हैं बल्कि उन्हें मूलभूत शिक्षा भी नहीं मिली है.
उद्देश्य है प्रेम करना
- यीशु को तरस आया (व. 36). ग्रीक भाषा में प्रेम के लिए यह सबसे शक्तिशाली शब्द है (जो कि ग्रीक शब्द ‘गट्स- दु:खी’ से निकला है). इसे सिर्फ यीशु पर प्रयोग किया गया. इसका अनुवाद इस तरह से भी किया जा सकता है, (‘वह अत्यंत दु:खी हुए’) – उनका दिल टूट गया.
यीशु को महत्व या सफलता की और सांसारिक वर्गों की कोई परवाह नहीं थी. यहाँ हम उन्हें दो अलग वर्ग के लोगों की मदद करते हुए देखते हैं – के महत्वपूर्ण ‘शासक’ (व.18) और एक स्त्री जिसे रक्त स्राव की बीमारी ने उसे अशुद्ध बना दिया था और समाज से अलग कर दिया था (व.20). फिर भी यीशु ने उन दोनों पर अपनी करूणा दिखायी.
ट्रिगर प्रार्थना है
- यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, ‘ परमेश्वर से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे॥’ (व.38). और ज्यादा लोगों के लिए प्रार्थना करो जो यीशु का अनुसरण करें और फसल को काटें.
संभावना विशाल है
- यीशु ने कहा, ‘खेत तो बहुत हैं ’ (व.37). यीशु ने दिखाया कि सफलता कैसी दिखती है – राज्य की घोषणा और इसका प्रदर्शन करते हुए यह इतिहास की नई शुरुवात है. और अब वह आपको अपने आदर्श का अनुसरण करने के लिए बुला रहे हैं – उनके मिशन को बांटने के लिए, और इसकी पहुँच को विस्तारित करने के लिए.
प्रभु, हमारी दुनिया में बहुत ज्यादा जरूरत है फिर भी ऐसा लगता है कि मजदूर कम हैं. मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप और ज्यादा मजदूरों को खड़ा करें और उन्हें खेत में भेजें और दुनिया को बदल दें
उत्पत्ति 24:1-67
मार्गदर्शन में सफलता के लिए प्रार्थना करें
अब्राहम का सेवक सफलता के लिए प्रार्थना करने के लिए घबराया नहीं था. उसने प्रार्थना की जिसका हम सब अनुकरण कर सकते हैं: ‘यहोवा, आज मेरे कार्य को सिद्ध कर, ’ (व.12). यह स्वार्थीपन की प्रार्थना नहीं थी. यह ऐसी प्रार्थना थी कि परमेश्वर किसी और को आशीष दें, ‘और मेरे स्वामी अब्राहम पर करूणा करें। ’ (व.12). उसने परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने के लिए प्रार्थना की.
यह परमेश्वर के मार्गदर्शन की सबसे शानदार कहानियों में से एक है. अल्फा पर, हम ‘द फाइव सीस्’ (पाँच सी) के तहत पाँच तरीकों के बारे में बताते हैं जिसमें परमेश्वर हमारा मार्गदर्शन करते हैं. इस पद्यांश में हम एक उदाहरण देख सकते हैं जिसमे ये सब एक साथ काम करते हैं और खासकर पाँचवा, ‘पारिस्थितिक संकेत’.
आदेशात्मक वचन
स्पष्ट रूप से, अब्राहम के पास वचन नहीं थे जो हमारे पास हैं – लेकिन उसके पास परमेश्वर के निर्देश थे जो बाद में पवित्र शास्त्र का हिस्सा बनें. परमेश्वर ने अपने लोगों को आदेश दिया था कि वे अपने बीच केवल अन्य विश्वासियों से ही शादी करें. अब्राहम ने अपने सेवक से कहा कि वह अपने बेटे के लिए पत्नी कनानियों से न ले, बल्कि अपने ही लोगों में से लें (वव.3-4).
अप्रतिरोध्य आत्मा
जब हम प्रार्थना करते हैं तो पवित्र आत्मा हमारी अगुआई करते हैं. हालाँकि इस पद्यांश में पवित्र आत्मा शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सभी भाग लेनेवाले इस स्थिति में हैं कि वे परमेश्वर द्वारा मार्गदर्शित किये जाएं, उनकी सुनना और पवित्र आत्मा द्वारा अगुआई किया जाना. अब्राहम के सेवक ने अपने दिल से प्रार्थना की (वव.12,45). ‘उसकी प्रार्थना समाप्त होने से पहले’ उसके सामने रिबेका दिखाई दी (व.15), और जब रिबेका दिखाई दी, तो इसहाक खेत में था जहाँ वह ध्यान करने के लिए निकला था (व. 63).
सामान्य बोध
रिबेका को चुनना एक सही समझ थी. वह स्पष्ट रूप से इसहाक के लिए उपयुक्त थी. ऐसा था कि वह ‘बहुत ही सुन्दर’ थी (व.16). और वह ‘कुँवारी’ भी थी; और ‘उसने किसी पुरूष का मुंह न देखा था’ (व.16). सबसे महत्वपूर्ण, वह बहुत ही दयालु, कृपालु और अच्छी थी. पानी पिलाने के निवेदन के लिए उसकी तुरंत प्रतिक्रिया केवल उसे ही पिलाना नहीं था, बल्कि यह कहना भी था कि, ‘मैं तेरे ऊंटों के लिये भी तब तक पानी भर लाऊंगी, जब तक वे पी न चुकें। ’ (व.19).
संतों का परामर्श
परमेश्वर का एक तरीका जिसमें वह मार्गदर्शन करते हैं, वह है दैवीय सलाह (यहाँ ‘संत’ का उपयोग नये नियम के अर्थ में परमेश्वर के सभी लोगों का उल्लेख करने के लिए किया गया है). हालाँकि इसहाक और रिबेका की शादी आधुनिक पश्चिमी विवाह से बहुत ही अलग थी उसमें समझौते के बहुत बड़े तत्व शामिल थे, पर उसमें पसंद का तत्व भी शामिल था. “क्या तू इस मनुष्य के संग जाएगी? ” उसने कहा, “हां मैं जाऊंगी। ” 9व. 57). इसहाक ने उससे शादी करने का फैसला किया और ‘उससे प्रेम किया’ (व.67). वे लोग संतों की सलाह का अनुसरण कर रहे थे इस भावना से कि उनके आसपास के लोग, खासकर उनके माता-पिता इसे मान्य करें. ‘यह परमेश्वर से है’ (व.50).
पारिस्थितिक संकेत
यह बाइबल में सबसे स्पष्ट मामला है जिसमें परमेश्वर पारिस्थितिक संकेतों द्वारा मार्गदर्शन करते हैं. सेवक ने चिन्ह पूछा और उसे बिल्कुल वही बताया गया जो उसने पूछा था (वव. 12-26). फिर भी, जैसाकि हमने देखा, यह संकेत आकस्मिक नहीं था. यह रिबेका के स्वभाव की परीक्षा थी, जिसे उसने पूरा किया.
परमेश्वर द्वारा मार्गदर्शित होने के परिणामस्वरूप, उनकी मुलाकात महान रूप से सफल ही नहीं हुई, बल्कि इससे ज्यादा, उनका विवाह भी सफल रहा.
प्रभु, मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप हमारे समाज में और चर्च में सफलपूर्ण मार्गदर्शन का उदाहरण अद्भुत रीति से बढ़ाएंगे. ज्यादा से ज्यादा पति-पत्नी के उदाहरण सामने आएं जो यह कह सकें कि, ‘यह परमेश्वर की ओर से है’ (व.50).
Pippa Adds
पीपा विज्ञापन
उत्पत्ति 24
मुझे यह कहानी हमेशा से पसंद है. यह बहुत ही रूमानी है. इसहाक बहुत कुछ का वारिस था, लेकिन शायद वह अकेला भी था. उसके सौतेले-भाई को दूर भेज दिया गया था. उसकी माँ मर गई थी. परमेश्वर इस बहादुर स्त्री को देते हैं. वह अपने परिवार को छोड़ कर किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करती है जो उसके घर से मीलों दूर रहता था जिससे वह कभी मिली नहीं थी. परमेश्वर उनका मार्गदर्शन करने के लिए एक सुनिश्चित प्रार्थना का उत्तर देते हैं. और इसहाक ने उससे प्रेम किया.
References
नोट्स:
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।
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अपने दिन Bible in One Year के साथ शुरू करें जो कि निकी और पिप्पा गंबेल की टिप्पणी के साथ लंदन के HTB चर्च से एक बाइबल पठन की योजना है।. हम इस योजना को प्रदान करने के लिए निकी और पिपा गंबेल, एचटीबी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://alpha.org