निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबलनमूना

परमेश्वर का इरादा भलाई करना था
सन 1947 में न्यू यॉर्क में ग्लेन चॅम्बर्स नामक युवा का स्वप्न था कि वह इक्वेडोर में जीवन भर परमेश्वर के लिए काम करेगा. प्रस्थान के दिन वह हवाई अड्डे से अपनी माँ के लिए एक नोट भेजना चाहता था, लेकिन उसके पास कार्ड खरीदने के लिए समय नहीं था. उसका ध्यान टर्मिनल के फर्श पर एक कागज पर गया और उसने उसे उठा लिया. इस पर ‘क्यों?’ के साथ एक विज्ञापन छपा था. घसीट में उसने ‘क्यों?’ के चारों तरफ अपना नोट लिखा और इसे पोस्ट बॉक्स में डाल दिया. उस रात उसका हवाई जहाज कोलंबिया में 14,000 फुट ऊँची अल टॅब्लाज़ो से टकरा गया. उसकी मृत्यु के बाद जब उसकी माँ को उसका नोट मिला तो उस पन्ने पर से ...’ क्यों?’ इस प्रश्न ने उसकी माँ को भड़का दिया.
परमेश्वर ने ऐसे कष्ट को क्यों आने दिया? हम लगातार कष्टों का सामना करते हैं. यह हमें नाराज करता है और घबरा देता है. यह मसीही विश्वास के लिए एकमात्र चुनौती है. कष्टों की मात्रा और इसका वितरण अनियमित और अनुचित है.
सदियों से दार्शनिक और धर्मशास्त्री इस नाहक दु:ख के रहस्य से संघर्ष कर रहे हैं पर अब तक कोई भी सामान्य और संपूर्ण समाधान नहीं ढूँढ पाए. आज के और कल के पद्यांश इसके उत्तर का हिस्सा ही नहीं हैं, बल्कि इनमें से हरएक हमें कुछ अंतर्दृष्टि देते हैं.
आज के पद्यांशों में हम देखते हैं कि हालाँकि तकलीफें कभी भी अपने आप में अच्छी नहीं होतीं, फिर भी परमेश्वर अनेक तरीकों से इनका उपयोग भलाई के लिए करते हैं. परमेश्वर आप से प्रेम करते हैं. आपकी तकलीफों को परमेश्वर की तकलीफ भी कहा जाता है. आपके साथ-साथ वह भी कष्ट उठाते हैं, फिर भी वह आपके जीवन से तकलीफों को नहीं हटाते; कभी-कभी वह बुरी चीजों का उपयोग करते हैं जो उनके अच्छे उद्देश्यों के लिए होती हैं.
भजन संहिता 15:1-5
आपको बदलने के लिए परमेश्वर तकलीफों का उपयोग करते हैं
क्या किसी परिस्थिति के कारण आपके जीवन में कभी ऐसा समय आया है जब आप पूरी तरह से डगमगा गए थे? ऐसा समय जब आप अपनी सहनशीलता खो चुके थे और हार मानने लगे थे?
आज का भजन हमें याद दिलाता है कि आपको कभी भी ‘डगमगाना नहीं है’ (व.5). दाऊद ने इस तरह के जीवन का उल्लेख किया है जिसमें परमेश्वर का इरादा आपकी अगुआई करना था. उनका मार्गदर्शन ऐसी बाते हैं जिन्हें आप परेशानी के समय में पकड़े रह सकते हैं:
जो सही हैं वही करें
· खराई से चलें और जो सही है वही करें (व.2अ).
सच बोलें
· ‘......अपने हृदय से सच बोलें’ (व.2ब).
गपशप न करें
· ‘अपनी जीभ से निन्दा न करें ’ (व.3).
अपने पड़ोसी को दु:ख न पहुँचाएं
· ‘अपने पड़ोसी का बुरा न करें’ (व.3).
अपने वायदे को पूरा करें
· ‘शपथ खाकर न बदलें, चाहें हानि उठानी पड़े तब भी’ (व.4ब). इसका मतलब है आपने जो वायदा किया है उसे पूरा करें चाहें यह आपको अच्छा न लगे तब भी (खासकर यह हमारी पीढ़ी के लिए एक चुनौती है, जब एक साधारण शब्द किसी भी समय एक सुव्यवस्था को रद्द कर सकता है).
साहसी बनें
· यदि आपने अपना धन ब्याज पर दिया है तो जरूरत से ज्यादा ब्याज मत लीजिये (व.5अ).
ईमानदार रहें
· कभी घूस मत लीजिये (व.5ब).
इस विवरण के साथ जैसे-जैसे हमारा चरित्र ढलता जाता है, वैसे-वैसे हमें अस्थिर करने के लिए परिस्थितियों और तकलीफों का प्रभाव कम होता जाता है. जैसा कि भजन लिखने वाले कहते हैं कि, ‘जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा’ (व.5क) और वह प्रभु के पवित्र स्थान पर बसने पाएगा’ (व.1अ).
जैसे जैसे समय गुजरता है हमारा चरित्र बदलने लगता है, और चरित्र के बदलने से हमें सुरक्षित आशा और परमेश्वर के प्रेम का अनुभव और ज्ञान होने लगता है (रोमियों 5:3-5). परेशानी और असुरक्षा के दौर में आशा और प्रेम आपको स्थिर करने वाली सबसे महान शक्ति है.
प्रभु, आपको धन्यवाद कि जैसा मैं हूँ वैसा ही आपने मुझे अपनाया है, लेकिन आप नहीं चाहते कि मैं वैसा ही रहूँ. पवित्र जीवन बिताने के लिए मेरी मदद कीजिये. परीक्षाओं और तकलीफों को अपने चरित्र को बदलने के लिए एक आवश्यक अवस्था के रूप में देखने में मेरी मदद कीजिये.
मत्ती 17:14-18:9
आपको बचाने के लिए परमेश्वर ने कष्टों का उपयोग किया
यीशु कष्टों को दूर करने के लिए आए (17:22-23) और अंत में उन्होंने बलिदान होने और पुनरूत्थान के द्वारा सारे कष्टों को दूर कर दिया.
सृष्टि के केन्द्र में क्रूस पर परमेश्वर को कष्ट उठाना है: “मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाएगा. और वे उसे मार डालेंगे, और वह तीसरे दिन जी उठेगा. इस पर वे बहुत उदास हुए” (वव. 22-23). वे समझ नहीं पाए कि मनुष्य का इरादा बुरा था, लेकिन परमेश्वर का इरादा भलाई करना था – अनेकों का जीवन बचाना था. आप कह सकते हैं कि, ‘यीशु युद्ध में जीतने के लिए लड़ाई में पराजित हुए’.
शैतान का इरादा बुराई करना था, लेकिन परमेश्वर का इरादा भलाई करना था. वह अब तक सबसे बुरा काम करने में कामयाब हो गया था (यानि परमेश्वर के पुत्र को जान से मारने में) और परमेश्वर ने इसका उपयोग सबसे महान भलाई के लिए किया (मानव जाति के उद्धार के लिए).
लड़के को लकवे से चंगा करना (व,18) ऐसे समय का पुर्वाभास है जब कोई भी बीमार या दु:खी न होगा. यीशु की मृत्यु और पुनरूत्थान का मतलब है, ‘किसी को भी नरक की आग में डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी’ (18:9).
आप कैसे प्रतिक्रिया करेंगे?
विश्वास कीजिये
· दुनिया में बहुत कष्ट हैं. इस पद्यांश में हम बच्चे की बीमारी और उसके कारण माता-पिता का भयंकर दु:ख देखते हैं (17:15, एमएसजी). इस मामले में शिष्यों द्वारा उसे ठीक न कर पाना विश्वास में कमी की वजह से हुआ था (हालाँकि ऐसा हमेशा नहीं होता – कुछ लोगों ने चंगाई के लिए बेहद विश्वास से प्रार्थना की लेकिन कोई परिणाम नहीं आया). यीशु कहते हैं कि यदि आप का विश्वास बहुत छोटा हो तब भी आप पहाड़ को हिला सकते हैं. ‘और कोई बात आपके लिये अनहोनी न होगी’ (व.20).
अनावश्यक अपराध का कारण न बनें
· यीशु समझाते हैं, हालाँकि उन्हें मंदिर (परमेश्वर के भवन) के लिए कोई चुंगी भरने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर थे, फिर भी उन्होंने खुद के लिए और पतरस के लिए चमत्कारी रूप से चुंगी अदा की, वह अनावश्यक रूप से अपराध का कारण नहीं बनें.
खुद को नम्र बनाएं
· ‘जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा’ (18:4).
मौलिक बनें
· यीशु हमें अपने जीवन से पाप को काट डालने के लिए निष्ठुर बनने के लिए कहते हैं (वव. 7-9).
प्रभु, आपका धन्यवाद कि सृष्टि का केन्द्र वह घटना है जहाँ आपने बुराई को भलाई में बदल दिया. मैं अपना विश्वास आप पर रखता हूँ. मैं आप पर निर्भर हूँ.
उत्पत्ति 49:1-50:26
परमेश्वर कष्टों का उपयोग अपने अच्छे उद्देश्यों के लिए करते हैं
चाहें लोग – या शैतान – आपके विरूद्ध कितना भी बुरा करना चाहे, परमेश्वर इसका उपयोग खुद के भले उद्देश्यों के लिए करने में सक्षम हैं: आपकी भलाई और दूसरों के फायदे के लिए जो कि आपके जीवन और आपकी सेविकाई के द्वारा आशीषित होंगे.
जब याकूब अपने जीवन के अंतिम समय में आया, तो उसने अपने बेटों को आशीष दी. उसने यहूदा को विजय, समृद्धि और अगुआई के लिए आशीष दिया. यहूदा इस्राएल की दक्षिणी जाति का सबसे ताकतवर व्यक्ति बना और सारा राष्ट्र दाऊद के हाथों में सौंपा गया.
यहाँ हम यीशु का पूर्वाभास देखते हैं: ‘तब तक न तो यहूदा से राजदण्ड छूटेगा, न उसके वंश से व्यवस्था देने वाला अलग होगा;’ (49:10). बाद में हम पढ़ेंगे कि, ‘याकूब में से एक तारा उदय होगा, और इस्त्राएल में से एक राज दण्ड उठेगा; ’ (गिनतियों 24:17). याकूब सिंह की छवियों का उपयोग करता है (उत्पत्ति 49:9). यीशु का वर्णन इस तरह से किया गया है : ‘ देख यहूदा के गोत्र का वह सिंह, जो दाऊद का मूल है’ (प्रकाशितवाक्य 5:5).
आगे याकूब यूसुफ को आशीष देते हैं ‘तू फलवन्त लता की एक शाखा है’ (उत्पत्ति 49:22). उसे परेशानियों और हमलों का सामना करना पड़ा: ‘धनुर्धारियों ने उसको खेदित किया, और उस पर तीर मारे, और उसके पीछे पड़े हैं’ (व.23). लेकिन परमेश्वर इन सबका उपयोग भलाई के लिए करते हैं. यूसुफ सफल था क्योंकि परमेश्वर का हाथ उस पर था और बुराई को भलाई में बदल दिया था (50:20).
जब याकूब की मृत्यु हो गई, तो यूसुफ के भाई चिंतित हुए कि उन्होंने उसके साथ जो गलत काम किये थे उन सभी गलत बातों का बदला यूसुफ उनसे लेगा (व.15). लेकिन यूसुफ ने उनसे कहा, ‘डरो मत, क्या मैं परमेश्वर की जगह पर हूँ? यद्पि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं. सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा.” इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी (वव 19-21).
आर.टी. केन्डाल लिखते हैं, ‘यूसुफ के लिए, तुरंत सहायता पहुँचाई जा सकती थी; लेकिन इससे परमेश्वर के राज्य को कोई फायदा नहीं होता. जब किसी तरह से हमारे साथ बुरा व्यवहार किया जाता है, तो हमें जान लेना चाहिये कि हमारी तकलीफों का परमेश्वर के राज्य पर प्रचंड और व्यापक प्रभाव पड़ेगा. लगातार कष्ट के पीछे कोई कारण नज़र नहीं आता. यदि आप अपमान या गलत व्यवहार को गरिमा के साथ अपनाए तो कौन जानता है कि परमेश्वर आपके जीवन के साथ क्या करेंगे? ’
आपके साथ जो भी होता है – अच्छा या बुरा - उसमें परमेश्वर का हाथ देखें. यह समझ लें कि बुराई में से भलाई लाने के लिए यह सब परमेश्वर की योजना का हिस्सा है (जैसा कि उन्होंने क्रूस पर यीशु की मृत्यु के द्वारा किया था).
नये नियम में परमेश्वर का वायदा है कि वह सारी चीजों का उपयोग भलाई को ही उत्पन्न करने के लिए करेंगे. जब आप लालसा, परीक्षा, संघर्ष और परेशानी का सामना करें, तो नया नियम आपको आश्वासन देता है कि ‘जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, और उनके उद्देश्यों के अनुसार बुलाए गए हैं, उनके लिए सारी चीजें मिलकर भलाई को ही उत्पन्न करती है ’ (रोमियों 8:28).
प्रभु, जिन्होंने मुझे नुकसान पहुँचाया है उन्हें पूरी तरह से क्षमा करने में मेरी मदद कीजिये. मेरे साथ जो भी होता है – चाहें भलाई या बुराई - उन सभी चीजों में आपका हाथ देखने में मेरी मदद कीजिये. आपको धन्यवाद कि जो आपसे प्रेम करते हैं उनके लिए सारी बातें मिलकर भलाई को ही उत्पन्न करती हैं.
Pippa Adds
पीपा विज्ञापन
मत्ती 17:20
‘..... राई के दाने के समान विश्वास’.
यह ज्यादा प्रभावी नहीं लगता. यह संभव होना चाहिये. मेरी प्रार्थना की सूची में अब भी कुछ बड़े पहाड़ हैं जिन्हें लगता नहीं कि वे हिलेंगे. लेकिन बड़ी चीजों के लिए भी प्रार्थना करते रहना ही एक प्रोत्साहन है.
[तकलीफों पर व्यापक परिचर्चा के लिए, निकी गम्बेल्स की पुस्तिका देखें: ‘व्हाय डज गॉड अलाऊ सफरिंग?’
:shop.alpha.org/product/335/si-why-does-god-allow-suffering
यह निकी गम्बेल की किताब ‘सर्चिंग इश्यूस’ के पहले अध्याय में भी मौजूद है: shop.alpha.org/product/296/searching-issues]
References
नोट्स:
आर.टी. केन्डाल, परमेश्वर का इरादा भलाई करना था, (पेटरनोस्टर प्रेस, 2003) पन्ना 62
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
इस योजना के बारें में

यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।
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अपने दिन Bible in One Year के साथ शुरू करें जो कि निकी और पिप्पा गंबेल की टिप्पणी के साथ लंदन के HTB चर्च से एक बाइबल पठन की योजना है।. हम इस योजना को प्रदान करने के लिए निकी और पिपा गंबेल, एचटीबी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://alpha.org