मरूस्थल से प्राप्त शिक्षाएंनमूना

मरूस्थल से प्राप्त शिक्षाएं

दिन 1 का 7

मरूस्थल एक कठिन स्थान है बुरा स्थान नहीं

पुराने नियम में मरूस्थल को “विशाल और भयानक” दर्शाया गया है। यह वह स्थान है जहां पर इस्राएली लोग परमेश्वर पर पूरी तरह से भरोसा न करने के कारण चालीस वर्षों तक भटकते रहे। परमेश्वर अपनी अपार बुद्धि से उन लोगों को मरूस्थल में ले गए और उनके साथ में रहे,उनकी सुरक्षा की और उनके लिए तब तक चीज़ें मुहैय्या करवाते रहे जब तक कि पुराने लोगों की पूरी एक पीढ़ी समाप्त नहीं हो गयी। उसके बाद उन्होंने यहोशू की अधीनता में नयी पीढ़ी की प्रतिज्ञा के देश में अगुवाई की।

आजकल हमारे जीवन में, मरूस्थल किसी स्थान के बजाय एक दौर या काल है। यह परमेश्वर के द्वारा निर्धारित समय होता है जिसमें हम अपनी परिस्थितियों,शत्रुओं और सीमाओं के साथ जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस अवस्था में हम बहुत से बन्द दरवाज़ों के बाहर घूमते हुए पाये जाते हैं। कई बार तो ऐसा महसूस होता है की हम गलतफहमियों और दुविधाओं से तपते हुए स्थान में बैठे हुए हैं। यह स्थान हमें अत्यधिक प्रतीक्षा करने वाला बंजर और अत्यधिक बिना उत्तर मिली प्रार्थनाओं का स्थान प्रतीत होता है। मरूस्थल एक कठोर स्थान ज़रूर है लेकिन यह कोई फलहीन स्थान नहीं है। इस पूरे दौर में आप प्रभु की सुन्दर उपस्थिति का अनुभव करेगें। आप अनापेक्षित ढंग से परमेश्वर के अनुग्रह को महसूस करेगें और उस मार्ग में ऐसी आशीषें बरसेंगी जिनको आप शब्दों में बयान नहीं कर सकते। मरूस्थलीय अवस्था में मार्ग को देखने का एकमात्र तरीका यीशु पर अपनी दृष्टि लगाए रखना और पवित्र आत्मा के कार्यों और बातों के प्रति अपने हृदय और मन को संवेदनशील बनाए रखना है। जब आप इस मुद्रा में होगें तो, आपका हृदय धन्यवाद से भरा हुआ होगा। आप उसके द्वारा आपके जीवन में किये गये कार्यों तथा आपके जीवन में उसकी निरन्तर उपस्थिति के लिए धन्यवाद देगें। कोई भी मरूस्थल जगत के परमेश्वर को आपसे दूर नहीं रख सकता। अंततः वह मरूस्थल का भी परमेश्वर है!

दिन 2

इस योजना के बारें में

मरूस्थल से प्राप्त शिक्षाएं

मरूस्थल एक अवस्था है जिसमें हम खुद को भटका,भूला और त्यागा हुआ महसूस करते हैं। लेकिन इस उजड़ेपन में रूचीकर बात यह है कि यह नज़रिये को बदलने,जीवन रूपांतरित करने और विश्वास का निर्माण करने वाली होती है। इस योजना के दौरान मेरी प्रार्थना यह है कि आप इस जंगल से क्रोधित होने के बजाय इसे स्वीकार करें और परमेश्वर को आप में कुछ उत्तम कार्य करने दें।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए क्रिस्टीन जयकरन को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.instagram.com/christinegershom/