मरूस्थल से प्राप्त शिक्षाएंनमूना

मरूस्थल से प्राप्त शिक्षाएं

दिन 6 का 7

प्रशिक्षण में धैर्य का निर्माण

प्रशिक्षण का एक और उद्देश्य धैर्य का निर्माण करना है। किसी भी खिलाड़ी को उसके प्रशिक्षक के द्वारा इसलिए प्रशिक्षित किया जाता है ताकि उनका शरीर न सिर्फ प्रशिक्षण के दौरान सहनशील बने वरन हर उन प्रतियोगिता में सहनशील बना रहे जिसमें वह भविष्य में भाग लेगा।

मसीह के अनुयायी होने के नाते हम इन खिलाड़ियों से अलग नहीं हैं। मरूस्थल का दौर हमें केवल वर्तमान काल के लिए ही नहीं वरन आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करता है। वह हमारे भीतर धीरज व सहनशक्ति का निर्माण करके हमें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करता है। यह सम्भवतः अपरिपक्वता नज़र आए क्योंकि मरूस्थल के बीच में हम दैनिक संघर्षों से इस कदर दबे हुए होते हैं कि हमें दीर्घ कालीन दर्शन नज़र ही नहीं आता है। यह याद रखना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है कि मरूस्थल सदा काल तक नहीं ठहरता। जब परमेश्वर इस दौर या काल में हमारे जीवन में अपना कार्य समाप्त कर चुके होते हैं, तब वह हमारे लिए आगे का रास्ता आसान बनाते हैं। हमारे जीवन की आगामी यात्राओं में दृढ़ व प्रगतिशील बने रहने के लिए हमें अपने जीवन में गहन धीरज का होना ज़रूरी है। और इस कार्य को मरूस्थल पूरा कर देता है।

जब आप किसी ऐसी चीज़ का इन्तज़ार करते हैं जो आपको स्वर्ग की अनुभूति प्रदान करती हो तो आपके भीतर एक लोचदार विश्वास उत्पन्न होने लगता है। यह विश्वास कभी समाप्त नहीं होता, क्योंकि आप अपनी अंर्तआत्मा में जानते हैं कि परमेश्वर अवश्य ही कुछ करने जा रहे हैं। जब आप खुद को चारों ओर से घिरा पाते हैं, तो आप स्वर्ग की ओर देखने लगते हैं क्योंकि आपको कोई और व्यवहार्य विकल्प नज़र नहीं आता। जब आपको लगता है कि केवल बातों से आपकी परिस्थिति पर कोई लाभ नहीं हो रहा है तब आप अपनी आवाज़ उठाकर आराधना करने लगते हैं। आप देखिए कि किस प्रकार से आपकी कठिन परिस्थितियां आपके भीतरी जीवन को आकार प्रदान करने लगती हैं। आप अब निराशाजनक स्थिति या हीन भावना के साथ प्रतीक्षा नहीं करते बल्कि आप हर दिन को नया दिन समझ,अपने होठों पर एक गीत तथा अपने हृदय में आशा के साथ जीते हैं। आप उन छोटे छोटे चमत्कारों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद देना सीखते हैं जिन्हें उसने आपके जीवन में उस क्षणों में आसमान से उण्डेल दिया जब आपको लगता था कि मानों खतरे के बादल आपके ऊपर फटने वाले हैं। आप यह जानते हुए अनिश्चितताओं के बीच में आनन्द के साथ शान्त रहते हैं कि हर बात के पीछे परमेश्वर की एक सुन्दर योजना होती है।

इस दौर में जिस सहनशक्ति का निर्माण होता है वह यीशु का अनुसरण करने में आजीवन आपका साथ देती है। विपरीत परिस्थितियों के बीच में भी, बढ़ने वाले धैर्यपूर्ण विश्वास के कारण,जीवन कठिनाईयों से भरपूर होने पर भी संतोषजनक होगा।

दिन 5दिन 7

इस योजना के बारें में

मरूस्थल से प्राप्त शिक्षाएं

मरूस्थल एक अवस्था है जिसमें हम खुद को भटका,भूला और त्यागा हुआ महसूस करते हैं। लेकिन इस उजड़ेपन में रूचीकर बात यह है कि यह नज़रिये को बदलने,जीवन रूपांतरित करने और विश्वास का निर्माण करने वाली होती है। इस योजना के दौरान मेरी प्रार्थना यह है कि आप इस जंगल से क्रोधित होने के बजाय इसे स्वीकार करें और परमेश्वर को आप में कुछ उत्तम कार्य करने दें।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए क्रिस्टीन जयकरन को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.instagram.com/christinegershom/