परमेश्वर ने कहा, ‘हम मनुष्य को अपने स्वरूप में, अपने सदृश बनाएँ, और समुद्र के जलचरों, आकाश के पक्षियों, पालतू पशुओं, धरती पर रेंगने वाले जन्तुओं और समस्त पृथ्वी पर मनुष्य का अधिकार हो।’ अत: परमेश्वर ने अपने स्वरूप में मनुष्य को रचा। परमेश्वर के स्वरूप में उसने मनुष्य की सृष्टि की। परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया।