पण वाँ अई, अन ईसू के पगाँ पड़न केबा लागी, “ओ परबू जी, मारी मदत करो।”
ईसू जवाब दिदो, “छोरा-छोरी की रोट्याँ गण्डकड़ा का मुण्डागे फेंक देणी हव बात कोयने।”
वाँकाणी क्यो, “हाँची वाते हे परबू जी, पण गण्डकड़ा भी चुर चार अन हेटाड़ो खावे हे। ज्यो वाँका मालिक का टेबुलऊँ हेठे पड़े हे।”