निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबलनमूना
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आपका सबसे मूल्यवान अधिकार
राज उन छ: बच्चों में से एक था, जो एक संपन्न ब्राह्मण परिवार में जन्में थे — भारत की जाति व्यवस्था में उच्चतम जाति।
23 वर्ष की उम्र में राज ने यीशु का दर्शन पाया। उसके परिवार ने उसे संपत्ति से वंचित कर दिया। उन्होंने उसे अलग कर दिया। उन्होंने यहाँ तक सोच लिया था कि वह मर चुका है। उन्होंने उसके लिए अंतिम संस्कार का भी आयोजन कर लिया था। न उसके माता-पिता ने और न ही उसके भाइयों और बहनों ने फिर कभी उससे बात की।
कई सप्ताह तक वह बैंगलौर की सड़कों पर घूमता रहा। उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं था। वह दिन भर चलता रहा और रात में एक बगीचे में जाकर सो गया।
उसने नए जीवन की शुरुवात की। उसने अपने विश्वास के बारे में कहना आरंभ कर दिया। उसके द्वारा, हजारों लोगों ने यीशु का दर्शन पाया। वह 30 लाख लोगों की प्रार्थना आंदोलन का नेतृत्व करता रहा। हम गैरवान्वित हुए, क्योंकि उसके बाद, वह कुछ बर्ष तक भारत में अल्फा के राष्ट्रीय संचालक रहे। उन्होंने हाल ही में हम से कहा कि उनका जीवन आशीषित रहा और परमेश्वर के पास उनकी हानि की पुर्ती से भी बढ़कर है। हालाँकि उन्होंने ‘सब कुछ’ छोड़ दिया था, फिर भी उन्होंने यीशु में ‘बहूमूल्य... मोती पाई’ (मत्ती 13:45-46)।
संबंध आपकी सबसे मूल्यवान संपत्ति है। एक संबंध ऐसा भी है जिसके लिए आप सृजे गए हैं। यह सबसे मूल्यवान मोती है। इसे प्राप्त करने के लिए ‘सब कुछ’ बेचना पड़े तब भी यह उसके योग्य है।
भजन संहिता 11:1-7
परमेश्वर की घनिष्ठ उपस्थिती
अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी आप परमेश्वर की घनिष्ठ उपस्थिती को अनुभव कर सकते हैं। दाऊद संकट में था। उसे सलाह दी गई कि वह भागकर दूर पहाड़ों में छिप जाए। उसने जवाब में कहा, मैं पहले ही अपने जीवन के लिए परमेश्वर की बाँहों में जा चुका हूँ। तो अब मैं डरकर क्यों भागूँ? (व. 1 एम.एस.जी)
भजन संहिता की पुस्तक परमेश्वर के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए समाप्त होती है। इस वायदे के साथ की सच्चे व्यक्ति ‘उनका मुख देखेंगे’, (व.7) परमेश्वर की घनिष्ठ उपस्थिती का चित्रण करने के लिए दाऊद अलंकारिक भाषा का प्रयोग करते हैं।
परमेश्वर के साथ अपने संबंध के लिए उसका अनुभव और उसकी इच्छाएँ भजन संहिता को आरंभ से अंत तक कोष्ठक में रखती हैं। यहाँ कोई सुरक्षित स्थान नहीं है; जीवन में अधिक मूल्यवान कुछ भी नहीं है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह संसार देता है जिसकी तुलना परमेश्वर की घनिष्ठ उपस्थिती के साथ — यानि उनके मुख को निहारने के साथ कर सकें।
प्रभु मैं आज आप में शरण लेना चाहता हूँ। मैं आपके मुख को देखना चाहता हूँ। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि आप अपनी घनिष्ठ उपस्थिती से मेरी गहरी लालसा को तृप्त कर दें।
मत्ती 13:36-58
परमेश्वर के पुत्र का जन्म
कुछ लोग व्याकुलता से यीशु को खोजते हैं और उन्हें यीशु मिल जाते हैं। और मेरे जैसे लोग लगभग ठोकर खाते हुए यीशु को ढूँढ़ते हैं। लेकिन जब आपने इस खजाने की खोज लिया, तो इसे पाने के लिए सब कुछ दे देना योग्य है।
जंगली बीज के दृष्टांत और जाल के दृष्टांत के बीच, यीशु दो छोटे दृष्टांत कहते हैं (व. 44-46)। दोनों दृष्टांतों के बीच केवल एक ही अंतर है एक व्यक्ति सक्रीयता से खोजता है (व. 45) और दूसरा उसके आस-पास भटकता है (व. 44)। दोनों में, कुछ बहुत ज्यादा मूल्यवान है। (‘खोजना’ व. 44, ‘अच्छे मोती’ व. 45)। दोनों परिस्थिती में सब कुछ बेचकर भी इसे हासिल करना योग्य है (व. 44,46)।
यह वह है जहाँ सच्चा ‘आनंद’ (व. 44) वास्तविक ‘खजाना’ (व. 44) और ‘अत्यधिक मूल्यवान’ (व. 46) पाया जाता है। स्वर्ग का राज्य राजा को जानने के विषय में है। यह यीशु के विषय में है और आप उन्हें कैसी प्रतिक्रिया करते हैं इस विषय में है। यह वह बहुमूल्य मोती है जिसे राज ने और उसके जैसे लाखों लोगों ने खोज निकाला।
जब आप संसार की सारी बुराइयों को देखते हैं, तो क्या आप कभी अचंभित होते हैं कि परमेश्वर इन बुराइयों को एक ही बार में दूर करके मुक्त क्यों नहीं करते? जंगली बीज के दृष्टांत में सेवक रोकते हैं (व. 28-29)। न्याय होने वाला है (व. 36-43, 47-50)।
जिन्होंने पाप किया है और सब जो बुराई करते हैं उनके अंत के विषय में यीशु सावधान करते हैं (व. 41,49-50)। वे कहते हैं कि परमेश्वर जंगली बीज को नष्ट कर देंगे (व. 41 एम.एस.जी) और ‘निकम्मी मछलियों को चुनकर कूड़े में फेंक देंगे’ (व. 49-50 एम.एस.जी)। वे वायदा करते हैं कि उस दिन तुम जो ‘धर्मी’ हो, (यीशु के द्वारा परमेश्वर के साथ सही बनाए गए हो’) ‘अपने पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकोगे’ (व.43)। आपका चमकना परमेश्वर के साथ आपके संबंध के कारण है, और इसका अर्थ यह है कि एक दिन आप परमेश्वर के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे।
लेकिन फिर भी परमेश्वर सारी बुराइयों को नाश करने की अनुमति नहीं देते। वे सारे गेहूँ को खलिहान में एकत्र करना चाहते हैं। परमेश्वर जान-बूझकर देरी को अनुमति देते हैं, जब तक ‘जगत का अंत न हो’ (व. 39)। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग यीशु के सुसमाचार को ग्रहण कर पाएंगे और वे बहुमूल्य अधिकार को जानेंगे।
प्रभु, मैं आपको धन्यवाद करता हूँ, कि आपके साथ घनिष्ठ संबंध ही बहुमूल्य मोती है। मुझे अपने समीप रखिये और मेरी सहायता कीजिए कि जो कुछ मुझे उस संबंध से अलग करे, उस पर मैं ध्यान न दूँ।
उत्पत्ति 38:1-39:23
परमेश्वर की आशीषों को अनुभव करना
क्या आपकी परिस्थितियाँ आपके आदर्श से दूर हैं? क्या आप उनके द्वारा सीमित महसूस कर रहे हैं? क्या आपको ऐसा लगता है कि, काश आप अलग कार्य में, अलग स्थान में या अलग संबंध में होते? आपकी परिस्थितियाँ चाहें कैसी भी हों, यह पद्यांश दर्शाता है कि यदि आप परमेश्वर के लिए विश्वासयोग्य बने रहें, तो आप उनकी उपस्थिती को अनुभव कर सकते हैं, आप जहाँ हैं, वहीं उनका समर्थन और उनकी आशीषों को अनुभव कर सकते हैं।
हम यहाँ पर यहूदा की अविश्वसनीयता और दिखावा और यूसुफ की विश्वासयोग्यता के बीच एक अंतर देखते हैं, जब यूसुफ ने कामुकता के प्रलोभन का सामना किया था।
यहूदा अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद अति संवेदनशील हो गया था, जिससे वह पाप में गिर गया। उसकी बहू, तामार, ने एक वैश्या का रूप धरा और वह उसके साथ सोया। रेहन के तौर पर उसने उसके पास अपनी मुहर, बाजूबन्द और हाथ की छड़ी छोड़ दी थी। वह उसके द्वारा गर्भवती हुई। (व. 38:1-18)
जब यहूदा ने सुना कि उसकी बहू ने व्यभिचार किया है और उसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हुई है, यहूदा ने कहा, ‘उसे ले आओ कि जलाकर मार डाला जाए’ (व. 24)। तब तामार ने उसे उसके पास वे चीज़ें भेजीं जो वह उसके पास छोड़ आया था ‘मुहर, बाजूबन्द और छड़ी’ (व. 25)। यहूदा पकड़ा गया वह जान गया कि यह उसकी धोखेबाजी और पाप था (व. 26)।
परमेश्वर का अनुग्रह असाधारण है। पेरेस इस घटना से जन्मा एक बेटा था, जिसका नाम यीशु की वंशावली में दर्ज किया गया है (मत्ती 1:3 देखें)। जिसे दुष्ट बुराई के लिए उपयोग करना चाहता है परमेश्वर उसे लेकर भलाई के लिए उपयोग करते हैं।
यहूदा का पाप, यूसुफ की धार्मिकता से भिन्न था। ‘परमेश्वर यूसुफ के साथ थे और वह सफल बना’ (उत्पत्ति 39:2)। पोटिफर ने देखा कि परमेश्वर यूसुफ के साथ हैं, और जो कुछ वह करता है उसमें परमेश्वर उसे सफलता देते हैं, उसने अपने घराने पर उसे प्रभु बनाया (व. 4)। इसका परिणाम यह हुआ कि परमेश्वर ने पोटिफर के परिवार को आशीषित किया (व. 5)।
परमेश्वर यूसुफ के साथ था, यह इस पद्यांश में 4 बार दर्शाया गया है: (39:23,3,21,23)। फिर भी, यह तथ्य कि परमेश्वर आपके साथ हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप प्रलोभन का सामना नहीं करेंगे। यूसुफ ने बहुत प्रलोभनों का सामना किया। पोटिफर की पत्नी ने यूसुफ को फुसलाने की कोशिश की, कि वह उसके साथ बिस्तर पर आए, लेकिन उसने इंकार कर दिया।
उसने देखा कि इस प्रलोभन में गिरना न केवल परमेश्वर के विरूद्ध बल्कि अपने स्वामी पोटिफर के विरुद्ध भी पाप है। मैं कैसे उसके विश्वास को तोड़ सकता हूँ और परमेश्वर के विरुद्ध पाप कर सकता हूँ? (व. 9 एम.एस.जी) उसने न केवल उसके साथ बिस्तर पर जाने से इंकार किया बल्कि वह इस प्रलोभन के पास भी नहीं गया (व. 10)।
यूसुफ हमें एक बड़ा उदाहरण देते हैं कि प्रलोभन का सामना कैसे करना है। प्रलोभन से बचने का सबसे अच्छा तरीका इससे दूर भागना है (2 तिमुथियस 2:22)। यदि आप बहुत बड़े प्रलोभन का सामना कर रहे हैं तो महत्वपूर्ण कदम उठाएं। यूसुफ की तरह इससे दूर भागें।
पोटिफर की पत्नी ने यूसुफ के वस्त्र पकड़कर कहा, मेरे साथ बिस्तर पर चल, लेकिन वह अपना वस्त्र उसके हाथ में छोड़कर भागा और बाहर निकल गया (व. 39:12)।
यहूदा की भिन्नता की ओर देखें: यहूदा ने अपनी मुहर, बाजूबन्द, और छड़ी तामार के हाथ छोड़ दी। यह सबूत है उसके अपराध का। यूसुफ ने अपने वस्त्र पोटिफर की पत्नी के हाथ छोड़ दिए, उसने उसका उपयोग यूसुफ के अपराध को साबित करने के लिए किया, लेकिन वास्तव में यह उसकी बेगुनाही का सबूत था।
इस वास्तविकता के कारण कि परमेश्वर यूसुफ के साथ था, वह प्रलोभन से बचा रहा, इसके बाद उसने भयंकर अन्याय का सामना किया (व. 19 से आगे) और उसे कारागाह में बंद किया गया (व. 20)। उसने अपना अधिकार खो दिया, लेकिन उसने अपनी स्वतंत्रता नहीं खोई।
यहाँ तक कि परमेश्वर कैद में भी उसके साथ थे। परमेश्वर ने उस पर अपनी कृपा दृष्टि रखी और बंदीग्रह का दरोगा भी यूसुफ को समर्थन दे रहा था (व. 21)। बंदीग्रह के मुख्य अधिकारी ने यूसुफ को कैदियों के ऊपर प्रभु ठहराया — ‘उसका समापन वहाँ की कार्यप्रणाली का प्रबंध करते हुए हुआ’ (व. 22 एम.एस.जी)। ‘परमेश्वर उसके साथ था और जो कुछ वह करता था उसमें वह उसे स्सफलता देता था’ (व. 23)।
आपकी परिस्थितियाँ शायद आदर्श नहीं हैं। उदाहरण के लिए आप खुद को बंदीग्रह में महसूस कर रहे होंगे — अपने कार्य में, स्वास्थ के विषय में, संबंधों में या अन्य परिस्थिती में एक कैदी की तरह सीमित महसूस कर रहे हैं। फिर भी, इन सभी के बीच में यदि आप परमेश्वर के साथ विश्वासयोग्य बने रहें, तो आप भी उनकी उपस्थिती को अपने साथ अनुभव करेंगे। यह ‘बहुमूल्य.. मोती है’, (मत्ती 13:45-46)। यह आपका सबसे बहुमूल्य अधिकार है।
प्रभु, मैं धन्यवाद करता हूँ कि जब सब कुछ गलत हो रहा होता है और परीक्षा और प्रलोभन का सामना करना पड़ता है, तब मैं यह जानता हूँ कि परमेश्वर मेरे साथ हैं और आपकी आशीषों को अनुभव कर पाता हूँ।
Pippa Adds
पीपा विज्ञापन
आप अच्छे व्यक्ति को गिरा नहीं सकते. परमेश्वर यूसुफ के साथ थे, बल्कि जब उसके साथ सबकुछ गलत हो रहा था. फिर भी उन्होंने उसे इन सबसे नहीं बचाया, बल्कि उन्होंने इसका उपयोग भलाई के लिए किया. परमेश्वर यूसुफ के चरित्र पर काम कर रहे थे. यह सब उसकी तैयारी का हिस्सा था.
References
नोट्स:
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
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यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।
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अपने दिन Bible in One Year के साथ शुरू करें जो कि निकी और पिप्पा गंबेल की टिप्पणी के साथ लंदन के HTB चर्च से एक बाइबल पठन की योजना है।. हम इस योजना को प्रदान करने के लिए निकी और पिपा गंबेल, एचटीबी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://alpha.org