निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबलनमूना

परमेश्वर के लिए अपने शब्दों का उपयोग करने के लिए छ: कुँजियाँ
यदि आप वैज्ञानिक शब्दों को शामिल करें, तो अंग्रेजी भाषा में 1,000,000 से भी ज्यादा शब्द हैं. औसतन एक व्यक्ति 20,000 शब्दों को जानता है और एक सप्ताह में 2,000 अलग-अलग शब्दों का उपयोग करता है. स्त्री और पुरूष एक दिन में औसतन 16,000 शब्द बोलते हैं.
आपके शब्द मायने रखते हैं, सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप कितने शब्द बोलते हैं, बल्कि आप किस तरह के शब्दों को चुनते हैं और आप किस उद्देश्य से इन शब्दों का उपयोग करते हैं. आज के लेखांशों में, हम देखेंगे कि आपके शब्दों का उपयोग कैसे किया जा सकता है, जैसे कि प्रेरित याकूब ने बताया है, भलाई के लिए या बुराई के लिए. हरदिन आपके पास एक बड़ी क्षमता होती है: या तो नाश करने के लिए या बनाने के लिए.
आज के लेखांश में हम भलाई के लिए आपके शब्दों को उपयोग करने की छ: कुंजियाँ देखेंगे.
नीतिवचन 4:1-9
बुद्धि के वचन सुनें
मैं अपने जीवन के अंत में पीछे देखकर पछताना नहीं चाहता उन निर्णयों के लिए जो मैंने किये थे. बुद्धि आपको अभी ऐसे निर्णय लेने में मदद करती है जिससे आप बाद में खुश रहेंगे.
इस लेखांश में हम बुद्धि के वचन सीखने और दूसरों को सिखाने का महत्व देखेंगे: ' तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे.... उन को भूल न जाना, न मेरी बातों को छोड़ना' (वव.4-5). सीखने की इच्छा रखना बुद्धिमानी का मूल है. हालाँकि इसमें कड़ी मेहनत की जरूरत है, लेकिन यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है: ' जो कुछ तू प्राप्त करे उसे प्राप्त तो कर परन्तु समझ की प्राप्ति का यत्न घटने न पाए' (व.7ब).
यहाँ छोटों को बड़े लोगों से सीखने पर ध्यान दिया जा रहा है. एक पिता अपने बेटों को सिखाता है: ' हे मेरे पुत्रो, पिता की शिक्षा सुनो.....' (व.1). बच्चों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे अपने माता-पिता से ज्यादा से ज्यादा सीखें. और माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को अपना ज्यादा से ज्यादा ज्ञान बाटें.
हमें जीवन भर सीखने को महत्व देना जरूरी है, ' तू उसकी बड़ाई कर, वह तुझ को बढ़ाएगी' (व.8). जैसा कि मेरे दादा कहा करते थे, 'जिस दिन मैं सीखना बंद कर दूँ, मैं मरना चाहूँगा.'
बुद्दि के वचन सिर्फ सुनना ही पर्याप्त नहीं है; उनके अनुसार जीना भी जरूरी है (वव.2,4,5ब). परमेश्वर के वचन को व्यवहार में लाएं और आप बुद्धि प्राप्त करेंगे.
यदि आप यह बुद्धि और समझ प्राप्त करें, ' तब वह तेरी महिमा करेगी. वह तेरे सिर पर शोभायमान भूषण बान्धेगी; और तुझे सुन्दर मुकुट देगी' (वव.8-9).
प्रभु, बुद्धि के वचन पढ़ने और सुनने और इसे अपने जीवन में व्यवयहार में लाने के द्वारा मुझे बढ़ने में मदद कीजिये.
मत्ती 24:1-31
यीशु के वचनों को पकड़े रहें
यह दुनिया कब खत्म होगी? यह कैसे खत्म होगी? यहाँ यीशु के वचन शिष्यों के भविष्य के लिए हैं. वह यरूशलेम के पतन के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे, (जो कि ईसा पश्चात 70 में हुआ था), और अंत समय के बारे में (यह प्रश्न मत्ती 24:2 में है). यह लेखांश पेचीदा लग सकता है, क्योंकि इन दो विषयों को अलग करना मुश्किल है. यीशु का उद्देश्य भविष्य के बारे में सटीक समय बताना नहीं था, बल्कि इस बारे में उनकी मदद करना था कि भविष्य में क्या होगा इसे लेकर चिंतित या विचलित न हों.
यीशु इस भाग के अंत में कहते हैं (जो आज शुरू होता है और कल खत्म होता है), कि ' आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी' (व.35). अंत के समय के बारे में बहुत सी अनिश्चितता है. फिर भी, कुछ बातें स्पष्ट हैं:
बहुत से दावे किये जाएंगे (वव.4-5, 23-26).
बहुत सी उथल-पुथल, सताव, विभाजन और गिरना होगा (वव.6-12).
और बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा (व. 12).
जब ऐसा होगा, तब सब लोगों को दिखाई देगा (वव.27-31).
यीशु पहली बार कमजोर बन कर आए. लेकिन जब वह दूसरी बार आएंगे तो महान सामर्थ के साथ वापस आएंगे (वव.27, 30-31).
जब आप यीशु के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, तो उनके वचनों को पकड़े रहिये और अपने प्रेम को ठंडा मत होने दीजिये (व.12). उनके लिए अपने प्रेम को गरम रखना बहुत महत्वपूर्ण है, अपने पहले प्रेम को याद रखते हुए (प्रकाशितवाक्य 2:4). जैसा कि जॉयस मेयर लिखती हैं, ‘अपने प्रेम को ठंडा होने न दे. अपने जीवन में प्रेम को बढ़ाएं – अपने जीवन साथी और अपने परिवारवालों, दोस्तों, पड़ोसियों और सहयोगियों के प्रति. दु:खी और जरूरतमंद लोगों तक पहुँचें. उनके लिए प्रार्थना करें और उन्हें आशीष दें. इस हद तक बढ़ जाये कि सुबह आपके मन में सबसे पहला विचार यही हो कि आप पूरे दिन में किसी को किस तरह से आशीषित कर सकते हैं.’
भविष्यवाणी के शब्दों को परखें
'भविष्यवाणी' पवित्र आत्मा का वरदान है. 'भविष्यवक्ता' के शब्दों को ध्यान से सुनिये. यह लेखांश हमें भविष्यवाणी की सच्चाई के महत्व की याद दिलाता है (हालाँकि आधुनिक समय की भविष्यवाणियों में अधिकार का वह स्तर नजर नहीं आएगा जितना कि पवित्र शास्त्र में नजर आता है).
हमें सही और गलत भविष्यवाणी के बीच फर्क जानना जरूरी है. यीशु झूठे भविष्यवक्ता के विरूद्ध हमें चेतावनी देते हैं 'बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएंगे' (मत्ती 24:11). वह हमें सचेत करते हैं कि झूठे नबी हमें यह कह कर भरमाने की कोशिश करेंगे कि 'मैं मसीह हूँ' (वव.4-5). लोग कहेंगे, 'देखो, मसीह यहां हैं!' या 'यह मसीह है!' (व.23). तब उन पर यकीन न करने की चेतावनी यीशु हमें देते हैं. वे सब 'झूठे मसीहा हैं और झूठे प्रचारक हैं [जो] कहीं से भी उठ खड़े होंगे' (व.24, एमएसजी).
दूसरी तरफ, यीशु सही भविष्यवक्ताओं की पुष्टि करते हैं. वह कहते हैं कि 'भविष्य वक्ता दानियेल द्वारा बोले गए वचन' पूरे होंगे (व.15; दानिय्येल 9:27; 11:31; 12:11 देखें). वह भविष्यवक्ता यशायाह की पुस्तक से उद्धरण करते हैं (यशायाह 13:10; 34:4 देखें): 'उन दिनों के क्लेश के बाद तुरन्त सूर्य अन्धियारा हो जाएगा, और चान्द का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे और आकाश की शक्तियां हिलाई जाएंगी' (मत्ती 24:29).
वास्तव में उनके वापस आने का वर्णन (व. 27 से आगे; खासकर वचन 30 देखें), वह दानिय्येल द्वारा मसीह संबंधी कही गई भविष्यवाणी का निर्विवाद दावा करते हैं (दानिय्येल 7:13 देखें).
जीवन बदल देनेवाले वचन बोलें
जब मैं अठ्ठारह साल का था तब यीशु के वचन ने पूरी तरह से मेरा जीवन बदल दिया. तब से मैंने लोगों को, और जीवन बदल देनेवाले उनके संदेश की सामर्थ को आनंद से देखा और अक्सर अचंभित हुआ.
यीशु के पहली बार आने और दूसरी बार आने के बीच, हमें पूरी दुनिया में जीवन बदल देनेवाले सुसमाचार के संदेश को ले जाने का कार्य सौंपा गया है. 'राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा' (मत्ती 24:14).
सुसमाचार के वचन शक्तिशाली और जीवन बदल देनेवाले हैं. प्रेरित पौलुस ने लिखा है, 'मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित परमेश्वर की सामर्थ है' (रोमियों 1:16). सुसमाचार का प्रचार करना कभी न छोड़े. आपका बहुत बड़ा सौभाग्य है कि आपको वचन सौंपा गया है जिसमें शानदार तरीके से लोगों का जीवन बदलने की क्षमता है – इस जीवन के लिए और अनंत जीवन में भी.
प्रभु, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपके वचन अनंत हैं. मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपने सबसे शक्तिशाली वचनों का उपयोग कर पाने का सौभाग्य मुझे दिया है यह देखने के लिए कि यीशु के द्वारा दुनिया में लोगों के जीवन बदल रहे हैं. मेरी मदद कीजिये कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस संदेश को पहुँचाने का हरएक अवसर प्राप्त कर सकूँ.
अय्यूब 35:1-37:24
खोखली बातें न करें
एलीहू का अर्ध सत्य और गलत शब्दों से भरा मौखिक आक्रमण जारी रहा. उसने कहा, 'निश्चय मेरी बातें झूठी न होंगी,' (36:4). जबकि वह झूठी थीं. उसने कहा कि, 'यदि तू ने पाप किया है तो ईश्वर का क्या बिगड़ता है?' (35:6). वास्तव में, हमारे पापों से परमेश्वर को फर्क पड़ता है जैसा कि हम मसीह के क्रूस में देखते हैं.
उसने अयूब के बारे में दृढ़ता से कुछ कहा था, यह अयूब के बारे में सच नहीं था, बल्कि खुद के बारे में सच था. उसने कहा, ' इस कारण अय्यूब व्यर्थ मुंह खोल कर अज्ञानता की बातें बहुत बनाता है' (व.16). ('अयूब तुम बेहद मूर्खतापूर्ण बातें करते हो – लगातार बेवकूफी की बातें!' व. 16, एमएसजी). यह एलीहू की बातों का सटीक वर्णन है. यह बिना ज्ञान की खोखली बातें हैं. एलीहू बढ़ा चढ़ाकर बोलता है और अयूब की निंदा करता है.
सच्चाई यह है कि हम सब मूर्खतापूर्ण बातें करने में सक्षम है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें चुप रहना चाहिये. बल्कि इसका मतलब है कि हमें इसकी असीम शक्ति को समझना चाहिये कि हरएक मनुष्य को अपनी जुबान से दूसरों के जीवन को प्रभावित करना चाहिये. शायद हमारे पास वह ताकत नहीं हो जो धन, प्रसिद्धि या पदवी से आती है, लेकिन हम सबके पास वह ताकत और क्षमता है जो वचनों को बोलने से मिलती है.
परमेश्वर के वचनों को व्यवहार में लाइये
एलीहू ने इस लेखांश में परमेश्वर के वचन के बारे में बहुत सी बातें बोली हैं (37:4-13). धन्यवाद रूप से, प्रभु स्वयं खुद के बारे में कहते हैं. कितना सुकून मिलता है! हमारे पास झूठी तसल्ली और खोखले शब्दों के अध्याय पर अध्याय हैं. हम इस तरह की दुनिया में रहते हैं. परमेश्वर के वचन स्वर्ग से मन्ना के जैसे और मरूस्थल में पानी के जैसे है.
प्रभु, आज से मैं जो भी शब्द बोलूँ वह पवित्र आत्मा द्वारा निर्देशित हों. मेरे होठों की रक्षा कीजिये और मेरे जीभ पर निगरानी रखिये.
प्रभु आपको धन्यवाद कि आप मुझ से बातें करते हैं और आपके वचन बहुत ही सामर्थी और जीवन बदल देनेवाले हैं. मेरी सहायता कीजिये कि मैं आपके वचनों को सुनूँ, उन्हें कहूँ और उन्हें व्यवहार में लाऊँ.
Pippa Adds
पीपा विज्ञापन
मुझे एलीहू थोड़ा उबाऊ लगा!
References
नोट्स:
जॉयस मेयर, एवरी डे लाइफ बाइबल, (फेथवर्ड्स 2009) पन्ना 1536.
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
जॉयस मेयर, एवरीडे लाइफ बाइबल, ‘अपने प्रेम को ठंडा होने ना दें. अपने जीवन में प्रेम को बढ़ाएं – अपने जीवन साथी और अपने परिवारवालों, दोस्तों, पड़ोसियों और सहयोगियों के प्रति. दु:खी और जरूरतमंद लोगों तक पहुँचें. उनके लिए प्रार्थना करें और उन्हें आशीष दें. इस हद तक बढ़ जाइये कि सुबह आपके मन में सबसे पहला विचार यही हो कि आप पूरे दिन में किसी को किस तरह से आशीषित कर सकते हैं.’ (पन्ना 1536).
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।
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अपने दिन Bible in One Year के साथ शुरू करें जो कि निकी और पिप्पा गंबेल की टिप्पणी के साथ लंदन के HTB चर्च से एक बाइबल पठन की योजना है।. हम इस योजना को प्रदान करने के लिए निकी और पिपा गंबेल, एचटीबी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://alpha.org