निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबलनमूना

निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल

दिन 6 का 365

जीवन के लिए निर्देश

पीपा और मैं अक्सर जल्दबाजी में रहते हैं. हम अपनी कार से यात्रा करने की योजना बनाने में अच्छे नहीं है. हम अक्सर गलत दिशा निर्धारित कर देते हैं और बारबार खो जाते हैं, (बल्कि सेटनेव होने के बावजूद!).  

हम में से कई लोग जीवन में इसी तरह से रहते हैं. हम अपने जीवन के लिए अच्छे दिशानिर्देश पाने के महत्व को नहीं समझते. यदि आप जीवन के लिए परमेश्वर के निर्देशों का पालन करें, तो आप उनकी आशीष का आनंद भी उठा पाएंगे और दूसरों में भी आशीष को लाएंगे. 

भजन संहिता 5:1-12

हरदिन की शुरूवात निर्देश पाने के लिए इंतजार करते हुए करें 

जब आपको यात्रा पर जाना हो,तो निर्देश पाने का सबसे अच्छा समय आपकी शुरुवात से पहले का है. 

इस भजन में हमारे पास एक अद्भुत उदाहरण है कि हरदिन की शुरूवात कैसे की जाए: ‘हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्वर, मेरी दोहाई पर ध्यान दे, क्योंकि मैं तुझी से प्रार्थना करता हूँ। हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, मैं भोर को प्रार्थना करके तेरी बाट जोहूंगा।’ (वव2-3). ‘दाऊद निर्देशों का इंतजार कर रहा था’ (व. 8 एमएसजी).

दिन की शुरुवात में अपने निवेदन परमेश्वर के सम्मुख रखने में कुछ खास है. पूरे दिन का अलग अलग आयाम होता है,जब आप ‘अपेक्षा में इंतजार करते हैं’ (व.3).  

प्रभु, आज मैं अपना निवेदन आपके समक्ष रखता हूँ और निर्देश का इंतजार कर रहा हूँ. मेरी अगुआई कीजिये, हे प्रभु. मुझ पर अपनी सुरक्षा फैलाइये. एक ढाल के समान मुझे अपनी कृपा से घेर लीजिये. (वव. 8,11,12).

मत्ती 5:21-42

जीवन के लिए यीशु के निर्देशों का पालन करें

कुछ सामान्य निर्देश हैं जो सभी कार यात्रा पर लागू होते हैं. ये मार्ग के नियम हैं. यूके में इन्हें हाइवे कोड में पाया जा सकता है. पहाड़ के उपदेश में यीशु के निर्देश जीवन में आशीष पाने के लिए ‘हाइवे कोड’ के समान हैं.

यीशु के निर्देशों के अनुसरण में सुधारवादी जीवनशैली शामिल है. वह हमें हरएक गलत व्यवहार, विचार शब्द और कार्य के प्रति कठोर व्यवहार करने के लिए कहते हैं.  

हमारे शब्द आशीष के शब्द होने चाहिये जिसमे कोई क्रोध न हो. हमें अपने भाइयों और बहनों के विरूद्ध क्रोध भरे शब्द जरा भी नहीं बोलने चाहिये (व. 22).

हमें उन सभी लोगों को आशीष देने के लिए अपनी सामर्थ में हरएक  चीज करने के लिए बुलाया गया है (वव. 23-26). यदि हमें अपने मित्र के प्रति कोई असंतोष याद आता है,तो हमें अपने मित्र के पास जाकर ‘चीजों को सही करना चाहिये’ (वव 23-24 एमएसजी). यदि हम किसी ‘पुराने शत्रु’ के सामने आ जाते हैं, तो ‘पहले हमें कदम बढ़ाकर; उनके साथ चीजों को सही करना है’ (व 25, एमएसजी).

हमें अपनी नजरों की और मन की निगरानी करनी चाहिये. यदि हम इन्हें  भ्रष्ट होने दें,तो दूसरों के लिए आशीष बनने के बजाय हम खुद को नष्ट कर देंगे. 

एक विलक्षण कदम उठाइये. यह शारीरिक रूप से व्यभिचार करने के बारे में नहीं है. बल्कि यीशु कहते हैं कि,‘जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका। ’ (व. 28, एमएसजी). 

यीशु नजरों को व्यभिचार के शुरुवाती बिंदु के रूप में बताते हैं. ऐसे कामों को टालने के लिए सुधारवादी कदम उठाइये (वव. 29-30). जैसा कि अयूब ने कहा है,‘मैं ने अपनी आंखों के विषय वाचा बान्धी है, फिर मैं किसी कुंवारी पर क्योंकर आंखें लगाऊं? ’ (अयूब 31:1).    

विवाह का उद्देश्य एक दूसरे के लिए आशीष का स्थान और अन्य लोगों के लिए आशीष का स्रोत होना है. इसका मतलब है विवाह में विलक्षण विश्वासयोग्यता का जीवन (मत्ती 5:31-32). यीशु तलाक के विरोध में कहते हैं कि यह ‘स्वार्थीपन और सनक को ढंकने ’ का माध्यम है. 

हमें पूरी सच्चाई से जीना है जिसमे हम वही कहें जो हमारा मतलब है,और हमारा वही मतलब हो जो हम कहते हैं: ‘परन्तु तुम्हारी बात हां की हां, या नहीं की नहीं हो; क्योंकि जो कुछ इस से अधिक होता है वह बुराई से होता है’ (व. 37).        

दूसरों को आशीष होने का मतलब है उन लोगों के लिए भी आशीष बनना जो हमारा बुरा करते हैं (वव 38-42). ‘पलटकर मत मारो...... जैसे को तैसा मत करो. उदारता से रहो’ (वव 39,42,एमएसजी). भलाई के प्रति बुरा करना शैतानी हरकत है. भलाई के प्रति भलाई करना मानवीय है. बुराई के प्रति भलाई करना यीशु का तरीका है.

प्रभु,मेरी मदद कीजिये कि इस साल मैं अपने जीवन में आपके निर्देशों को मानूँ और मैं जहाँ कहीं भी जाऊँ आपकी आशीष फैलाऊँ. 

उत्पत्ति 11:10-13:18

एक समय में एक कदम निर्देशित करने के लिए परमेश्वर पर भरोसा करें  

कितना अच्छा होता जब एक लंबी कार यात्रा में मेरे साथ कार में कोई और भी होता (बल्कि सेटनेव से बेहतर) जो सारे दिशानिर्देशों को जानता और मुझे एक समय में एक कदम बताता,कि मुझे कहाँ जाना है. जीवन की यात्रा में परमेश्वर आपको एक साथी प्रदान करते हैं और जीवन की आशीष में एक समय में एक कदम निर्देशित करते हैं.

यह बाइबल में सबसे महत्वपूर्ण पलों में से एक है,क्योंकि परमेश्वर मानव जाति के लिए बचाव योजना की पहल करते हैं.

परमेश्वर अब्राहम से वादा करते हैं : ‘और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे।’ (12:2-3). 

परमेश्वर एक व्यक्ति को चुनते हैं और उसे आशीष देते हैं,और फिर एक देश को और उन्हें आशीष देते हैं – लेकिन हमेशा योजना यह रहती है कि वे आशीष को आगे बढ़ाएं (व.3ब). यह पुराने नियम की हमारी समझ की कुँजी है, क्योंकि यह समझाता है कि परमेश्वर ने इस्राएल को क्यों चुना – ताकि उनके द्वारा पूरी दुनिया आशीष पाएं.

अंत में यह वायदा यीशु में पूरा हुआ. वह सारे वायदों और इस्राएल की आशाओं की पूर्णता हैं (जैसा कि हमने पिछले सप्ताह में मत्ती के सुसमाचार में देखा),और उनके द्वारा ‘सारे लोग’ आशीषित हो सकते हैं.

अब यह आपके लिए परमेश्वर का उद्देश्य है. प्रेरित पौलुस लिखते हैं,‘जो विश्वास करने वाले हैं, वे ही इब्राहीम की सन्तान हैं।  और पवित्र शास्त्र ने पहले ही से यह जान कर, कि परमेश्वर अन्यजातियों को विश्वास से धर्मी ठहराएगा, पहले ही से अब्राहम को यह सुसमाचार सुना दिया, कि तुझ में सब जातियां आशीष पाएंगी।  तो जो विश्वास करने वाले हैं, वे विश्वासी अब्राहम के साथ आशीष पाते हैं। ’ (गलातियों 3:7-9).    

चर्च आशीषित है, अब्राहम और इस्राएल की तरह, अपने खुद के लिए नहीं,बल्कि पूरी दुनिया में आशीष लाने के लिए. यदि आप परमेश्वर द्वारा आशीषित हैं, तो यह आपके स्वार्थ आसक्ति या स्वयं को बधाई देने के लिए नहीं; बल्कि इसलिए कि आप दूसरों के लिए आशीष बन सकें.

परमेश्वर अब्राहम को अपना देश, अपने लोग और अपने पिता के घराने को छोड़ने के लिए कहते हैं,और परमेश्वर के देश में जाने के लिए कहते हैं जिसे वे दिखाएंगे (उत्पत्ति 12:1). अब्राहम ने बिल्कुल वही किया जैसा कि प्रभु ने उसे निर्देश दिया था (व. 4, एएमपी). उसने परमेश्वर पर भरोसा किया कि वह एक समय पर एक कदम निर्देशित करें. वह उस समय पर अगला कदम नहीं देख सकता था लेकिन उसने परमेश्वर के वायदों पर भरोसा किया.

यह जीवन में मेरा अनुभव रहा है. परमेश्वर हमें सामान्य तस्वीर दिखा सकते हैं कि वह हमसे क्या करवाना चाहते हैं – लेकिन जहाँ तक विस्तृत विवरण का सवाल है वह हमें एक समय में एक कदम ले जाते हैं. विश्वास के जीवन में एक समय पर एक कदम के निर्देशों का पालन करना शामिल है.

यात्रा हमेशा बिना निर्विघ्न नहीं होती. अब्राहम हमारे जैसा ही बहुत दोषपूर्ण व्यक्ति था. परमेश्वर ने उसे अपार धन संपत्ति से आशीषित किया (13:1 एमएसजी) और ‘असाधारण रूप से सुंदर’ एक पत्नी से (12:14, एमएसजी). फिर भी, कमजोरी और धोखे के कार्य में,उसने फिरौन को उसे अपनी पत्नी के रूप में ले जाने दिया (वव. 10-20).      

फिर, बाद में,‘अब्राम, और लूत की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों के बीच में झगड़ा हुआ’ (13:7). अब्राम ने निर्णय लिया कि वह और उसका भतीजा अलग हो जाएं (वव. 8-11). वास्तव में अब्राहम और लूत अलग होना नहीं चाहते थे – पर जैसा कि अक्सर होता है,उनके लोग अलग होना चाहते थे. मनुष्य के रिश्तों में टकराव की सच्चाई बहुत स्पष्ट है.

लूत से सबसे उपजाऊ भूमि चुनी और अब्राहम के लिए कम उपजाऊ भूमि छोड़ दी. लेकिन फिर से,परमेश्वर अब्राहम को निर्देश देते हैं. वह उससे कहते हैं: ‘अपनी आँख उठाकर देख’ (व. 14).

परमेश्वर कहते हैं मैं तेरे वंश को धूल के किनकों की नाई बहुत करूँगा यहां तक कि जो कोई पृथ्वी की धूल के किनकों को गिन सकेगा वही तेरा वंश भी गिन सकेगा। तो उठ, इस देश की लम्बाई और चौड़ाई में चल फिर; क्योंकि मैं उसे तुझी को दूंगा।(वव. 16-17 एमएसजी).

जैसा कि जॉयस मेयर लिखती हैं, ‘जब लोग हमें निराश करते हैं तब निरूत्साह, तनावग्रस्त या क्रोधित होने के बजाय,परमेश्वर चाहते हैं कि हम अपनी आँखें ऊपर उठाकर चारों तरफ देखें और उन पर भरोसा करें कि वह हमें इससे भी बेहतर स्थिति में ले जाएंगे. वह चाहते हैं कि हम आसपास देखें और अपनी आशीषों को गिने बजाय इसके कि हम उस पर ध्यान दें जो हमारे पास नहीं है.’

यह परमेश्वर का अनुग्रह ही था कि अब्राहम से इन आशीषों का वायदा किया गया. इसका उद्देश्य यह था कि उसके द्वारा पूरी दुनिया आशीष पाए. इसी तरह से आप भी हैं. आपको परमेश्वर की आशीष में जीने के लिए और अपने आसपास के लोगों में आशीष लाने के लिए बुलाया गया है.  

प्रभु,मेरी मदद कीजिये कि इस साल मैं आपकी आशीष में जीने के लिए - एक समय में एक कदम - आपके निर्देशों का पालन करूँ और अपने आसपास के सभी लोगों में ज्यादा से ज्यादा आशीष ला सकूँ. 

Pippa Adds

हमें जीवन के सभी निर्णय लेने में मार्गदर्शन की जरूरत है. सीधा मार्ग अपनाने से भटकने के कारण खर्च होनेवाले समय और ऊर्जा की बचत होती है: ‘हे प्रभु, मुझे अपनी धार्मिकता में अगुआई कर...... और मेरे सामने मार्ग को सीधा कर’ (भजन संहिता 5:8).

[‘पहाड़ पर दिये गए उपदेश’ (मत्ती 5-7) के विस्तृत विवरण और एप्लीकेश  के लिए निकी गुम्बेल्स की किताब ‘द जीसस लाइफस्टाइल ’ देखें: shop.alpha.org/product/182/jesus-lifestyle-nicky-gumbel]

References

जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।         

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इस योजना के बारें में

निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल

यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।

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