30 दिनों के चमत्कारनमूना

30 दिनों के चमत्कार

दिन 2 का 30

राजकर्मचारी के पुत्र को चंगा करना

यीशु अपने अधिकार और सामर्थ्य से लोगों को चकित करना जारी रखता है। जब एक रोमी अधिकारी का पुत्र कफ़रनहूम में बीमार पड़ता है, तब यीशु फिर से गलील के काना नगर में होता है। काना से कफ़रनहूम की दूरी लगभग अठारह मील है, जो लगभग एक दिन की पैदल यात्रा है। यह व्यक्ति यीशु की सहायता पाने के लिए इतना व्याकुल था कि उसने यह यात्रा की जिससे कि यीशु को अपने घर ले जाकर अपने पुत्र को चंगा करवा सके। यीशु उससे कहता है कि वह अपने घर जाए क्योंकि उसका पुत्र जीवित है। यह आश्चर्य की बात है कि यह अजनबी व्यक्ति, जो यहूदी विश्वास का नहीं था, यीशु के वचन पर विश्वास करता है और घर लौट जाता है, और वहाँ जाकर पाता है कि उसका पुत्र पूरी तरह से चंगा हो गया है। जाँच-पड़ताल करने पर यह ज्ञात होता है कि वह ठीक उसी घड़ी चंगा हुआ, जब यीशु ने कहा था, ‘तेरा पुत्र जीवित है।’ क्या ही सामर्थ्य! क्या ही उचित समय! क्या ही सुनिश्चितता!

भजनकार इस सामर्थी परमेश्वर और उसके इस अद्वितीय गुण को जानता हुआ प्रतीत होता है, जिसके द्वारा वह अपना वचन भेजकर लोगों को चंगा करता है (भजन संहिता 107 पद 20)। भविष्यद्वक्ता यशायाह ने भी परमेश्वर के वचन की सामर्थ्य के विषय में कहा है, जो व्यर्थ नहीं लौटता है, परन्तु उस उद्देश्य को पूरा करेगा जिसके लिए परमेश्वर ने उसे भेजा है (यशायाह 55 पद 10 और 11)। यीशु, जो देहधारी परमेश्वर है, उसने यह सामर्थ्य एक अन्यजाति परिवार में दिखाई और जब उन्होंने एक बालक को चमत्कारिक रूप से जीवित होते हुए देखा, तो वे सभी यीशु पर विश्वास करने लगे! परिवार के अन्य लोगों ने उसे देखा भी नहीं था, फिर भी उन्होंने उस पर विश्वास किया। क्या ही अद्भुत विश्वास है!

यह सब उस राजकर्मचारी के विश्वास से आरम्भ हुआ, जिसने यह विश्वास करने का साहस किया कि इस व्यक्ति यीशु को बीमारी के ऊपर सर्वोच्च अधिकार है और उसके वचन मात्र से ही चंगाई हो जाएगी! किसी भी माता-पिता को पता होगा कि किसी बच्चे के बारे में किसी के निदान पर विश्वास करने से पहले प्रमाण आवश्यक है, परन्तु यहाँ एक ऐसा व्यक्ति था, जिसने केवल एक छोटे से नगर के रब्बी के वचन पर भरोसा किया।

आप परमेश्वर के वचन पर कितना भरोसा करते हैं? क्या आप विश्वास करते हैं कि परमेश्वर का लिखा हुआ प्रत्येक वचन आपके लिए जीवन देने वाला वचन है? आपके जीवन के कठिन दौर में, क्या आप परमेश्वर के वचन पर भरोसा करते हैं या मनुष्य के आश्वासनों पर?

जब आप आज के वचनों पर मनन करें, तो परमेश्वर से यह प्रार्थना करें कि वह आपको अपने कैरॉस (नियत) समय की प्रतीक्षा करने के लिए अनुग्रह और धैर्य प्रदान करे। हम परमेश्वर पर न तो दबाव डाल सकते हैं और न ही उसे अपने समय के अनुसार कार्य करने के लिए फुसला सकते हैं। वह संप्रभु है, और वह सब बातों को हमारी भलाई के लिए कार्य में लाता है। इसका अर्थ है कि जहाँ एक ओर हमारे जीवन उसके द्वारा बुने जा रहे हैं, वहीं वह दूसरों के जीवन में भी कार्य कर रहा है और कुछ ऐसे बिंदु होते हैं जहाँ मार्ग एक-दूसरे से मिलते और अलग होते हैं, जिन्हें वह पूरी रीति से ध्यान में रखता है। जो हमें अव्यवस्थित और हमारी समय-सीमा से बाहर लगता है, उसे परमेश्वर ने पूर्ण रूप से योजनाबद्ध और क्रियान्वित किया हुआ है।

पवित्र शास्त्र

इस योजना के बारें में

30 दिनों के चमत्कार

यीशु ने पृथ्वी पर रहते हुए लोगों के लिए कुछ अद्भुत काम किए। जब आप इस बाइबल योजना को पढ़ेंगे, तो हम आशा करते हैं कि आप यीशु को उसकी सम्पूर्णता में स्वयं अनुभव करेंगे। हमें इस पृथ्वी पर जीवन में अलौकिक कार्यों के लिए परमेश्वर पर विश्वास करना नहीं छोड़ना चाहिए।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए We Are Zion को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: www.instagram.com/wearezion.in